वाराणसी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि संस्कृत और तमिल भारत की आत्मा हैं। उन्होंने कहा, “गंगा से कावेरी तक हमारी साझी परंपरा भारत की एकता का प्रतीक है।” श्रीकाशी नाटकोट्टई नगर क्षेत्रम में निर्मित धर्मशाला के उद्घाटन समारोह में उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन विशेष रूप से उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन के साथ काशी नाटकोट्टई नगर क्षेत्रम में नई धर्मशाला का उद्घाटन किया। ‘वनक्कम काशी’ से संबोधन शुरू करते हुए उन्होंने कहा कि संस्कृत और तमिल भारतीय संस्कृति के दो प्राचीन स्तंभ हैं। काशी और तमिलनाडु की साझा विरासत गंगा-कावेरी की एकता का जीवंत उदाहरण है।
योगी ने कहा कि विश्वेश्वर और रामेश्वर एक-दूसरे के पूज्य रूप हैं—उत्तर और दक्षिण भारत की एकात्मता का सुंदर प्रतीक। उन्होंने बताया कि आदि शंकराचार्य ने काशी में ज्ञान प्राप्त कर पूरे भारत को अद्वैत दर्शन का संदेश दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की गौरवशाली आस्था के पुनर्स्थापन के अग्रदूत हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया कि काशी में 51,000 करोड़ की परियोजनाएं स्वीकृत हैं, जिनमें 34,000 करोड़ की योजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं और 16,000 करोड़ की परियोजनाएं जारी हैं। उन्होंने कहा कि “दुनिया में सबसे अच्छा निवेश गंतव्य भारत है और भारत में सबसे उत्तम प्रदेश उत्तर प्रदेश।”
सीएम ने श्रद्धालुओं को गंगा महोत्सव और देव दीपावली में शामिल होकर काशी की दिव्यता और भव्यता का अनुभव करने का आमंत्रण दिया।
समारोह में तमिलनाडु के मंत्री एस. रघुपति, यूपी मंत्री रविन्द्र जायसवाल, डॉ नीलकंठ तिवारी, सौरभ श्रीवास्तव समेत अनेक गणमान्य उपस्थित रहे।
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