केंद्र सरकार ने यूपी, बिहार जैसे राज्यों में नए विश्वविद्यालय और कॉलेज खोलने की योजना बनाई है। शिक्षा मंत्रालय का उद्देश्य उच्च शिक्षा का सकल नामांकन अनुपात बढ़ाना और छात्रों के लिए नई अवसरों की सृजन करना है।
केंद्र सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाने का निर्णय लिया है। नए विश्वविद्यालय और कॉलेजों की स्थापना की योजना पर काम तेज़ी से चल रहा है, खासकर उन राज्यों में जहां उच्च शिक्षा का सकल नामांकन अनुपात (GER) राष्ट्रीय औसत से कम है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार जैसे राज्यों में इन संस्थानों को प्राथमिकता दी जाएगी। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने इस योजना को लागू करने के लिए पूरी तैयारी कर ली है, और इसके बारे में जल्द ही औपचारिक घोषणा हो सकती है।
कम GER वाले जिलों में मिलेगी प्राथमिकता
शिक्षा मंत्रालय की योजना के तहत नए विश्वविद्यालय और कॉलेज उन जिलों में खोले जाएंगे, जहां उच्च शिक्षा का नामांकन अनुपात कम है। विशेष रूप से 18 से 23 वर्ष के युवाओं के लिए उच्च शिक्षा की उपलब्धता को बढ़ाने के उद्देश्य से इन संस्थानों की स्थापना की जाएगी। बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, झारखंड, ओडिशा और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों को इस योजना के तहत प्राथमिकता दी जा रही है, क्योंकि ये राज्य इस मानक पर फिट बैठते हैं।
10 साल का रोडमैप: उच्च शिक्षा में सुधार का लक्ष्य
शिक्षा मंत्रालय ने उच्च शिक्षा में सुधार के लिए एक 10 साल का रोडमैप तैयार किया है। 2020 की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत, मंत्रालय का लक्ष्य 2035 तक देश में उच्च शिक्षा का सकल नामांकन अनुपात (GER) 50 प्रतिशत तक पहुंचाना है। इसके लिए मंत्रालय ने पहले चरण में शिक्षण संस्थानों के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की योजना बनाई है, ताकि आने वाले वर्षों में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता और पहुंच दोनों में सुधार हो सके।
मंत्रालय की योजनाएं और उनकी कार्यान्वयन प्रक्रिया
इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए शिक्षा मंत्रालय कई पहल कर रहा है। देश में वर्तमान में उच्च शिक्षा का GER केवल 28 प्रतिशत है, जो कि राष्ट्रीय औसत से काफी कम है। वर्तमान समय में देश में करीब 26 करोड़ छात्र स्कूली शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, जबकि उच्च शिक्षा में केवल 4 करोड़ छात्र पंजीकृत हैं। इस अंतर को पाटने के लिए मंत्रालय नए विश्वविद्यालय और कॉलेजों के साथ-साथ उन छात्रों के लिए भी योजनाएं बना रहा है, जो पढ़ाई बीच में छोड़कर किसी काम-धंधे में लग जाते हैं। मंत्रालय ने यह भी सुनिश्चित किया है कि ऐसे छात्रों का अनुभव अब उच्च शिक्षा में जोड़ा जाएगा, ताकि उनका भविष्य उज्जवल बने।
संस्थानों को अपग्रेड करने की योजना
इसके साथ ही मंत्रालय ने कई मौजूदा उच्च शिक्षा संस्थानों को अपग्रेड करने की योजना भी बनाई है, ताकि वे बेहतर बुनियादी ढांचे और गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान कर सकें। इस पहल के तहत, मंत्रालय कुछ नए संस्थान खुद स्थापित करेगा, जबकि कुछ संस्थानों के निर्माण के लिए राज्यों को भी सहायता प्रदान करेगा।
कुल मिलाकर, शिक्षा मंत्रालय का यह कदम देश में उच्च शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने और उसकी पहुंच को व्यापक बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।