कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अपनी निजी राय में कहा कि आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। उन्होंने सरदार पटेल के पत्र और महात्मा गांधी हत्या का हवाला देते हुए भाजपा-आरएसएस को देश की कानून-व्यवस्था में जिम्मेदार ठहराया।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शुक्रवार को अपनी निजी राय जाहिर करते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। उनका कहना है कि देश में ज्यादातर कानून-व्यवस्था की समस्याओं के पीछे भाजपा और आरएसएस जिम्मेदार हैं।
खरगे ने सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कांग्रेस पर किए गए हमलों का पलटवार किया। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने महात्मा गांधी की हत्या (1948) के बाद आरएसएस की आलोचना की थी। उन्होंने सरदार पटेल का वह पत्र भी जिक्र किया, जो उन्होंने श्यामा प्रसाद मुखर्जी को लिखा था। पत्र में पटेल ने स्पष्ट किया कि उस समय आरएसएस ने ऐसा माहौल बनाया, जिससे गांधी हत्या जैसी त्रासदी संभव हुई।

खरगे ने कहा कि आज देश सरदार पटेल की जयंती और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि मना रहा है। ये दोनों नेता, 'आयरन मैन' और 'आयरन लेडी', देश की एकता बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले थे। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा यह दिखाने की कोशिश करती है कि नेहरू और पटेल में मतभेद थे, जबकि वास्तविकता में दोनों ने एक-दूसरे का सम्मान किया।
कांग्रेस अध्यक्ष की यह टिप्पणी प्रधानमंत्री मोदी के उस बयान के बाद आई है, जिसमें कहा गया था कि सरदार पटेल जम्मू-कश्मीर को भारत में शामिल करना चाहते थे, लेकिन नेहरू ने ऐसा नहीं होने दिया। खरगे ने कहा कि कांग्रेस ने ब्रिटिश शासन की मानसिकता अपनाई थी, जबकि आज देश औपनिवेशिक सोच से मुक्त हो रहा है।
सरदार पटेल का जन्म 1875 में गुजरात के नाडियाड में हुआ था। वे स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता और भारत के एकीकरण के प्रति प्रतिबद्ध थे, इसी कारण उन्हें 'भारत के लौह पुरुष' के रूप में याद किया जाता है। उनका निधन 1950 में हुआ।
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