नई दिल्ली | AIMTC सम्मेलन विशेष
28 अप्रैल 2025 को कसौली, हिमाचल प्रदेश के सुरम्य पहाड़ों में जब देशभर के 600 से अधिक परिवहन दिग्गज, लॉजिस्टिक्स कंपनियों और बस-टूर ऑपरेटरों ने एक छत के नीचे मंथन किया, तो न केवल देश के सड़क परिवहन उद्योग की दिशा तय हुई, बल्कि भविष्य के ई-व्हीकल युग की नींव भी मजबूत हुई।
AIMTC (ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस), जो 95 लाख ट्रक ऑपरेटर और 20 लाख बस/कैब संचालकों का प्रतिनिधित्व करती है, ने डॉ. हरीश सभरवाल के नेतृत्व में यह ऐतिहासिक "राष्ट्रीय ट्रक एवं बस मीट" आयोजित की। इस बार का मुख्य फोकस रहा – “पर्यटन, ईवी ट्रांजिशन: चुनौतियाँ और संभावनाएँ”।
कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और भारत सरकार के केंद्रीय राज्य मंत्री श्री हर्ष मल्होत्रा ने।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा – "ईवी क्रांति अब विकल्प नहीं, अनिवार्यता है।" उन्होंने 680 करोड़ की 'राजीव गांधी स्वरोजगार योजना' के अंतर्गत ई-वाहन खरीद पर 50% सब्सिडी और युवाओं को सरकारी विभागों में जोड़ने की योजना साझा की।
AIMTC अध्यक्ष डॉ. सभरवाल ने पर्यावरण हितैषी पहल के समर्थन में EV चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना व पर्यटन सशक्तिकरण में सहयोग की प्रतिबद्धता दोहराई, साथ ही सरकार से उद्योग की ज्वलंत समस्याओं पर तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया — जैसे कि बॉर्डर चेकपोस्ट्स का उन्मूलन, ई-चालान का दुरुपयोग, ग्रीन टैक्स, और टोल की 100% वसूली।
केंद्रीय मंत्री मल्होत्रा ने 'Satellite-based Tolling' जैसे भविष्य की योजनाओं को साझा करते हुए आश्वासन दिया कि मंत्रालय AIMTC के साथ हर स्तर पर खड़ा है।
सम्मेलन में विशेष क्षण वह रहा जब AIMTC ने पद्म विभूषण स्व. रतन टाटा को "लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड" समर्पित किया, जिसे टाटा मोटर्स के राजेश कौल ने प्राप्त किया।
217वीं प्रबंध समिति बैठक में नव-निर्वाचित सदस्यों ने शपथ ली और उद्योग की संरचनात्मक समस्याओं पर सार्थक चर्चा की। कार्यक्रम को उद्योग के इतिहास में "नीति और नवाचार का संगम" माना जा रहा है।
यह सिर्फ एक सम्मेलन नहीं था, बल्कि ट्रांसपोर्ट क्षेत्र की भावी रणनीति का प्रारूप था — जहां पर्यावरण, उद्योग और रोजगार का संतुलन केंद्र में रहा।

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