नोएडा में आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में मीडिया और संचार के क्षेत्र में नवाचार, शोध और विकास पर गहरे विचार-विमर्श हुए। प्रमुख विशेषज्ञों ने आगामी चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा की।
नोएडा, 7 दिसंबर: देश भर के मीडिया और संचार के विशेषज्ञों ने नोएडा में आयोजित एक भव्य राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लिया, जहां उन्होंने इस क्षेत्र में हो रहे नवाचार, शोध और विकास के मुद्दों पर गहरे विचार साझा किए। इस सम्मेलन का उद्देश्य मीडिया और संचार के क्षेत्र में नई दिशाओं की खोज करना और आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए समाधान प्रदान करना था।
सम्मेलन की शुरुआत: विशेषज्ञों के विचारों का संगम
सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में मीडिया जगत के दिग्गजों ने अपने विचार साझा किए। सम्मेलन के मुख्य अतिथि प्रो. (डॉ.) के जी सुरेश थे, जो ग्लोबल मीडिया एजुकेशन काउंसिल के अध्यक्ष और इंडियन कम्युनिकेशन कांग्रेस के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य कर चुके हैं। उन्होंने उद्घाटन सत्र में मीडिया शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए कहा, "आज के मीडिया जगत में शिक्षा और नवाचार की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है। हमें लगातार इस क्षेत्र में शोध और विकास की दिशा में काम करना होगा।"
सत्र के मुख्य वक्ता प्रो. (डॉ.) संजीव भानावत, जो राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर के पत्रकारिता विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष हैं, ने मीडिया के बदलते स्वरूप पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "तकनीकी प्रगति के साथ मीडिया की भूमिका और जिम्मेदारियां भी बदल रही हैं, और हमें इन बदलावों के प्रति जागरूक रहने की जरूरत है।

विशेषज्ञ सत्र: नए दृष्टिकोण और चुनौतियों की पहचान
सम्मेलन का दूसरा सत्र एक विशेषज्ञ पैनल चर्चा थी, जिसमें मीडिया और संचार के विभिन्न पहलुओं पर गहरे विचार-विमर्श किए गए। प्रो. बी. के. रवि, कुलपति, कोप्पल विश्वविद्यालय, कर्नाटक, ने इस सत्र की अध्यक्षता की। प्रमुख वक्ताओं में डॉ. दिलीप कुमार, क्षेत्रीय निदेशक, आईआईएमसी, जम्मू, और डॉ. वी. विजय कुमार, एसोसिएट प्रोफेसर, एक्सआईएम विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर ने मीडिया शिक्षा और शोध के महत्व पर अपने विचार व्यक्त किए।
डॉ. दिलीप कुमार ने बताया, "हमारा उद्देश्य मीडिया की सही दिशा में शिक्षण और शोध को बढ़ावा देना है, ताकि आने वाली पीढ़ी तैयार हो सके।" वहीं, डॉ. वी. विजय कुमार ने तकनीकी नवाचारों के चलते मीडिया के विकास पर जोर दिया, विशेषकर डिजिटल मीडिया और उसके प्रभाव पर चर्चा की।
तकनीकी सत्र: विशेषज्ञों ने साझा किए तकनीकी दृष्टिकोण
तकनीकी सत्र में प्रो. सरोज दत्ता, पूर्व कुलपति, कैपिटल यूनिवर्सिटी, झारखंड ने मीडिया के क्षेत्र में तकनीकी विकास के मुद्दों पर विचार साझा किए। इस सत्र में विशेषज्ञों ने तकनीकी साजो-सामान के मीडिया पर पड़ने वाले प्रभावों पर गहन चर्चा की और कहा कि आने वाले समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग जैसे तकनीकी पहलू मीडिया के स्वरूप को पूरी तरह बदलने वाले हैं।
समापन सत्र: भविष्य की राह पर फोकस
सम्मेलन का समापन सत्र डॉ. अशोक के नागावत, कुलपति, दिल्ली स्किल एंड एंटरप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली के मार्गदर्शन में हुआ। उन्होंने मीडिया और संचार क्षेत्र में स्किल डेवलपमेंट के महत्व पर बल देते हुए कहा, "इस क्षेत्र में केवल तकनीकी विकास नहीं, बल्कि स्किल सेट की भी अहम भूमिका है। हमें इसे ध्यान में रखते हुए काम करना होगा।"
समापन सत्र में प्रो. (डॉ.) मीरा के देसाई, विभागाध्यक्ष, एसएनडीटी महिला विश्वविद्यालय, मुंबई ने संबोधित करते हुए कहा, "मीडिया और संचार के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देना चाहिए, ताकि इस क्षेत्र में नई सोच और दृष्टिकोण का समावेश हो सके।
नवाचार की ओर कदम बढ़ाते हुए
इस सम्मेलन ने न केवल मीडिया और संचार के क्षेत्र में नवीनतम शोध और तकनीकी पहलुओं पर बहस की, बल्कि इस क्षेत्र को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने का महत्वपूर्ण मंच भी प्रदान किया। देशभर से आए शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और मीडिया विशेषज्ञों ने इस आयोजन को सफलता की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। यह सम्मेलन यह साबित करता है कि मीडिया और संचार के क्षेत्र में नवाचार की गति केवल बढ़ने वाली है और यह आगामी पीढ़ियों के लिए नए अवसर पैदा करेगा।

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