नोएडा एयरपोर्ट के विस्तार के लिए प्रशासन ने 1181 हेक्टेयर भूमि पर कब्जा किया, जिसमें छह गांवों की भूमि शामिल है। साथ ही, डीएनडी से महामाया फ्लाईओवर तक नए फ्लाईओवर के निर्माण का रास्ता भी साफ हुआ।
ग्रेटर नोएडा: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जेवर के विस्तार के तहत जिला प्रशासन ने 1181.2793 हेक्टेयर भूमि पर कब्जा कर लिया है। यह भूमि छह गांवों—स्न्हेरा, कुरैब, करौली बांगर, दयानतपुर, वीरमपुर और मुढरह से संबंधित है। प्रशासन ने इस भूमि को यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) के हवाले कर दिया है, ताकि एयरपोर्ट के विस्तार कार्य को और तेज़ी से आगे बढ़ाया जा सके।
किसानों की भूमि पर कब्जा और प्रशासन की कार्रवाई
एडीएम भूमि और अध्यापत्ति, बच्चू सिंह के अनुसार, यह भूमि अधिग्रहण 2013 के उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम के तहत किया गया है। इन छह गांवों की कुल 1181.2793 हेक्टेयर भूमि पर प्रशासन ने कब्जा किया, जिसमें दयानतपुर, वीरमपुर और मुढरह के किसानों की जमीन भी शामिल है। दयानतपुर से 3.1704 हेक्टेयर, वीरमपुर से 3.0155 हेक्टेयर और मुढरह से 7.8310 हेक्टेयर भूमि पर कब्जा लिया गया है। इसके साथ ही तीन अन्य गांवों में कब्जा लेने की प्रक्रिया भी जल्द शुरू होगी।
नए फ्लाईओवर के निर्माण का रास्ता साफ
इसके साथ ही, शहर में यातायात सुधार के लिए एक नया एलिवेटेड फ्लाईओवर बनाने का रास्ता भी साफ हो गया है। यह फ्लाईओवर डीएनडी फ्लाईवे टोल से महामाया फ्लाईओवर तक बनेगा और लगभग चार से पांच किलोमीटर लंबा होगा। सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस प्रस्ताव पर सहमति जताई है, जो नोएडा ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे पर बढ़ते ट्रैफिक दबाव को कम करेगा।
सड़क पर जाम से निजात
यह नया फ्लाईओवर, जो दिल्ली इनर रिंग रोड से नोएडा ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे पर आने वाले भारी ट्रैफिक को संभालेगा, प्रतिदिन लगभग पांच लाख वाहनों के लिए रास्ता आसान करेगा। वर्तमान में डीएनडी लूप से लेकर फिल्म सिटी और महामाया फ्लाईओवर तक भारी जाम लगता है। अब, इस नए फ्लाईओवर के निर्माण से इस समस्या का समाधान हो सकता है। नोएडा प्राधिकरण इस योजना पर काम करना शुरू करेगा और जल्द ही इसके लिए फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करेगा।
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