पटना में BPSC परीक्षा में धांधली के आरोपों को लेकर छात्रों का प्रदर्शन तेज हो गया है। रविवार को छात्र संगठनों ने मुख्यमंत्री आवास तक मार्च निकालने की कोशिश की, जिसे पुलिस ने बैरिकेड्स लगाकर रोक दिया। इससे पुलिस और छात्रों के बीच तनाव बढ़ गया। हाल ही में हुए लाठीचार्ज के बाद छात्रों का गुस्सा और भड़क गया है, और वे परीक्षा रद्द करने और नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं। आंदोलन को शिक्षाविद खान सर और प्रशांत किशोर का समर्थन भी मिल रहा है।
पटना: बिहार की राजधानी पटना एक बार फिर छात्र आंदोलन का गवाह बन रही है। BPSC परीक्षा में धांधली के आरोपों से भड़के छात्र लगातार सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। रविवार शाम पटना में छात्र संगठनों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास तक मार्च निकालने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने इस प्रयास को नाकाम कर दिया। गांधी मैदान से निकलते ही छात्रों के मार्च को पुलिस ने बैरिकेड्स लगाकर रोक लिया, जिससे छात्र और प्रशासन एक बार फिर आमने-सामने आ गए।
छात्रों की मांगें और पुलिस की सख्ती
छात्रों की मांग है कि हाल ही में आयोजित BPSC परीक्षा को रद्द किया जाए और नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया को भी समाप्त किया जाए। प्रदर्शनकारी छात्रों का आरोप है कि परीक्षा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है, जिससे उनके भविष्य पर संकट मंडरा रहा है। दूसरी तरफ, BPSC ने स्पष्ट किया है कि परीक्षा में पेपर लीक जैसी कोई घटना नहीं हुई है।
25 दिसंबर को भी हुआ था लाठीचार्ज
प्रदर्शन कोई नई घटना नहीं है। 25 दिसंबर को भी छात्र पटना के गर्दनीबाग इलाके में धरना दे रहे थे, जब पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इस घटना में कई छात्रों को गंभीर चोटें आई थीं, जिससे छात्रों का गुस्सा और भड़क गया। छात्रों का कहना है कि सरकार उनकी बात सुनने को तैयार नहीं है, जबकि वे अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं।
खान सर का समर्थन और सोनू की कहानी
छात्रों का हौसला बढ़ाने के लिए प्रसिद्ध शिक्षाविद खान सर भी प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे। उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, "सरकार अड़ी है, लेकिन हम भी पीछे हटने वाले नहीं हैं। यह लड़ाई हमारे साथी सोनू के लिए भी है, जो इस संघर्ष में जान गंवा चुका है।" खान सर ने BPSC से अपील की कि वे दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करें और परीक्षा प्रक्रिया को सुधारें।
प्रशांत किशोर का समर्थन
इस बीच, शनिवार को प्रशांत किशोर भी छात्रों से मिलने धरना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने छात्र नेताओं से मुलाकात की और उनके आंदोलन का समर्थन किया। किशोर ने कहा कि छात्रों के भविष्य के लिए एक बड़ा आंदोलन छेड़ा जाएगा, जिसमें गांधी मैदान में छात्र संसद के रूप में अगली रणनीति तय की जाएगी।
पटना की सड़कों पर उबाल जारी है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि यह संघर्ष किस ओर मोड़ लेता है।
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