गौतमबुद्धनगर | 15 मई 2025
बिल्डरों की ढुलमुल रवैये और फ्लैट खरीदारों की पीड़ा ने जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा को आखिरकार सख्त एक्शन मोड में ला दिया।
जिले के वॉर रूम से सीधे कलेक्ट्रेट सभागार में आज उस समय अलार्म बजा जब रजिस्ट्री टालने की बढ़ती शिकायतों पर डीएम ने बिल्डर्स को कठघरे में खड़ा किया।
नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के अंतर्गत आने वाले 95 बिल्डर प्रोजेक्ट्स के प्रतिनिधियों की महाबैठक डीएम की अध्यक्षता में बुलाई गई।
संगीन चेतावनी थी—"31 मई तक रजिस्ट्री पूरी करो या कानूनी चाबुक झेलने को तैयार रहो!"
बैठक में मौजूद रहे—
अपर जिलाधिकारी अतुल कुमार
सहायक महानिरीक्षक निबंधन बीएस वर्मा और ब्रिजेश कुमार
तीनों प्राधिकरणों के उच्चाधिकारी
साथ ही दर्जनों खरीदार जिनकी वर्षों की मेहनत की पूंजी अनबिके फ्लैटों में जमी है।

बैठक में जिन बिल्डरों ने उपस्थिति से कन्नी काटी, डीएम ने उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई के आदेश मौके पर ही सुना दिए।
रजिस्ट्री लटकाने वाले बिल्डरों को चेतावनी दी गई कि 15 दिनों के भीतर फ्लैट खरीदारों को मालिकाना हक दिलाएं, अन्यथा भारतीय स्टाम्प अधिनियम और रेरा कानून के तहत सख्त कार्रवाई तय है।
31 मई अंतिम डेडलाइन घोषित, जिन बिल्डरों को 09 मई 2025 तक OCCC और सब-लीज़ डीड की अनुमति प्राप्त हो चुकी है, उनके सभी लंबित रजिस्ट्रेशन इसी तारीख तक पूरे किए जाएं।
बैठक में प्रमुख बिल्डर्स रहे शामिल—
विहान ग्रीन्स
रतन बिल्डटेक प्रा. लि.
यमुना बिल्डटेक (मिगसन)
महालक्ष्मी इन्फ्राहोम
एजीसी रियल्टी
देविका गोल्ड होम्स
टेक्नोसिटी अपार्टमेंट
आईआईटीएल निम्बस
कैपिटल इंफ्राप्रोजेक्ट्स
रूद्र बिल्डवेल
महागुन माईवुड्स आदि
बिल्डरों को यह भी सूचित किया गया कि रजिस्ट्री प्रक्रिया को सरल और सुलभ बनाने के लिए प्राधिकरण क्षेत्रों में रजिस्ट्री कैम्प आयोजित किए जाएंगे।

डीएम का स्पष्ट संदेश—
“फ्लैट खरीदारों को बेवजह परेशान करना अब नहीं चलेगा। नियमों की अनदेखी, खरीदारों की अनदेखी बन चुकी है अपराध।”
निबंधन विभाग को निर्देश—
हर शिकायत को प्राथमिकता पर सुलझाएं, हर खरीदार को राहत मिले— यही प्रशासन की प्राथमिकता है।
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