नोएडा में सोशल मीडिया पर फोटो-वीडियो वायरल कर युवती को धमकाने वाला आजिम गिरफ्तार | BNS और IT एक्ट में मामला दर्ज
नोएडा, 03 जुलाई 2025:
गौतमबुद्धनगर की फेस-2 पुलिस ने एक बार फिर साइबर अपराध और महिलाओं के विरुद्ध हो रहे मानसिक उत्पीड़न के एक गंभीर मामले में बड़ी सफलता हासिल की है। थाना फेस-2 क्षेत्र में दर्ज एक आपराधिक मामले में वांछित चल रहे शातिर अभियुक्त आजिम उर्फ नाजिम को पुलिस ने बस स्टैंड फेस-2 से गिरफ्तार कर लिया है।
क्या है पूरा मामला?
थाना फेस-2 में दर्ज एफआईआर (मुकदमा संख्या 296/2025) के अनुसार, अभियुक्त आजिम उर्फ नाजिम पर आरोप है कि उसने एक युवती को डराया-धमकाया और उस पर निकाह (शादी) के लिए दबाव बनाया। जब युवती ने इसका विरोध किया तो आरोपी ने उसके फोटो और वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। साथ ही उसे लगातार जान से मारने की धमकी भी देता रहा।
कानूनी प्रावधान जिनमें आरोपी पर मामला दर्ज हुआ:
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धारा 308(5) बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता): गंभीर जानलेवा धमकी देना
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धारा 351 बीएनएस: बल प्रयोग व मानसिक उत्पीड़न
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आईटी एक्ट की धारा 67: अश्लील फोटो/वीडियो का इलेक्ट्रॉनिक रूप में प्रकाशन
ये सभी धाराएं गंभीर अपराध की श्रेणी में आती हैं और इनमें दोषी पाए जाने पर लंबी सजा व आर्थिक दंड दोनों का प्रावधान है।
अभियुक्त का परिचय:
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नाम: आजिम उर्फ नाजिम
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पिता का नाम: मौ0 कलामुद्दीन
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स्थायी पता: ग्राम सिंघा खुर्द, थाना सिगांही, जिला लखीमपुर खीरी
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वर्तमान पता: बाल विद्या इंटर कॉलेज के पास, हल्दोनी, थाना ईकोटेक-3, नोएडा
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उम्र: 25 वर्ष
गिरफ्तारी की कार्रवाई:
पुलिस को सूचना मिली कि वांछित अभियुक्त आजिम बस स्टैंड फेस-2 पर किसी से मिलने की फिराक में है। पुलिस टीम ने तत्काल सक्रियता दिखाई और मौके पर पहुंचकर उसे गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के दौरान अभियुक्त द्वारा भागने की कोशिश की गई, लेकिन पुलिस ने संयम और सूझबूझ के साथ उसे दबोच लिया।
पुलिस की प्रतिक्रिया:
थाना फेस-2 के प्रभारी ने मीडिया से बात करते हुए कहा:
"इस तरह की घटनाएं समाज के लिए खतरे की घंटी हैं। साइबर अपराध के जरिए महिलाओं और युवतियों को डराने-धमकाने के खिलाफ पुलिस बेहद सख्त है। आजिम एक शातिर मानसिकता वाला व्यक्ति है जिसने न केवल एक युवती की गरिमा को ठेस पहुंचाई, बल्कि समाज में डर का माहौल पैदा करने की कोशिश की। हमने उसके खिलाफ साक्ष्य के आधार पर ठोस कार्रवाई की है।"
साइबर अपराध की बढ़ती चुनौती
वर्तमान समय में इंटरनेट और सोशल मीडिया का दुरुपयोग तेजी से बढ़ा है। खासकर महिलाएं ऐसे मामलों में बार-बार शिकार बन रही हैं जहां उनकी निजी तस्वीरें और वीडियो को जबरन संबंध या विवाह के लिए उपयोग किया जाता है। ऐसे अपराधों को रोकने के लिए आईटी एक्ट की धारा 67 जैसे कानून अस्तित्व में हैं, लेकिन जन-जागरूकता की भी उतनी ही आवश्यकता है।
महिला सुरक्षा की दिशा में एक कदम
पुलिस की इस कार्रवाई ने एक बार फिर यह संदेश दिया है कि उत्तर प्रदेश पुलिस महिलाओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। इस मामले में पुलिस ने न केवल त्वरित कार्रवाई की, बल्कि पीड़िता की पहचान और गोपनीयता को भी पूरी तरह सुरक्षित रखा। साथ ही, पुलिस द्वारा पीड़िता को परामर्श और मानसिक सहयोग भी प्रदान किया जा रहा है।
क्या कहता है समाज?
इस मामले को लेकर सामाजिक संगठनों और महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने पुलिस की सराहना की है। उनका मानना है कि समय रहते यदि इस तरह के मामलों में त्वरित कार्रवाई हो तो कई परिवारों की इज्जत और युवतियों का आत्मविश्वास बचाया जा सकता है। सोशल मीडिया के इस युग में ऐसे अपराधों के प्रति कानून का डर फैलाना बेहद जरूरी है।
पुलिस की अपील:
पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि अगर कोई भी व्यक्ति इस तरह के साइबर अपराध या मानसिक उत्पीड़न का शिकार हो रहा है, तो तत्काल नजदीकी थाने या साइबर सेल से संपर्क करें।
पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया है कि शिकायतकर्ता की पहचान गोपनीय रखी जाएगी और उन्हें हर संभव सुरक्षा प्रदान की जाएगी।
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