हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पूरे देश में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है। राष्ट्रीय सुरक्षा को देखते हुए गौतम बुद्ध नगर के सभी स्कूलों में मिसाइल हमले से बचाव की मॉक ड्रिल की शुरुआत की गई है। इसका उद्देश्य छात्रों को आपदा के समय संयम, सतर्कता और सुरक्षा के उपायों की व्यावहारिक जानकारी देना है।
भारत-पाकिस्तान सीमा पर बढ़ते तनाव और संभावित खतरे की आशंका के बीच, यह मॉक ड्रिल बच्चों में आत्मरक्षा की भावना और संकट की स्थिति में शीघ्र निर्णय लेने की क्षमता विकसित करने के लिए की जा रही है।
ड्रिल में बच्चों को यह सिखाया जा रहा है कि मिसाइल हमले या हवाई खतरे की स्थिति में स्कूल परिसर में किस तरह के व्यवहार और प्रतिक्रिया से जान बचाई जा सकती है।
कैसे की जा रही है तैयारी?
स्कूलों में पहले से तय समय पर सायरन बजाया जाता है। इसके बाद छात्रों को शिक्षकों के निर्देशन में जल्दी से सुरक्षित स्थानों — जैसे बंकर, बेसमेंट या कक्षाओं के सुरक्षित कोनों — में ले जाया जाता है। बच्चों को बताया जा रहा है कि कैसे 'ड्रॉप, कवर एंड होल्ड' तकनीक अपनाकर वे खुद को घायल होने से बचा सकते हैं।
इसके अलावा उन्हें फर्स्ट एड, आपातकालीन नंबर और मनोवैज्ञानिक स्थिरता बनाए रखने के तरीके भी सिखाए जा रहे हैं।
जिला प्रशासन सतर्क
गौतम बुद्ध नगर के ज़िला विद्यालय निरीक्षक ने बताया कि यह अभियान राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के निर्देशन में चलाया जा रहा है। “हमारा उद्देश्य है कि हर बच्चा न सिर्फ पढ़ाई में, बल्कि संकट के समय निर्णय लेने में भी सक्षम हो,” उन्होंने कहा।
अभिभावकों की प्रतिक्रिया
अभिभावकों ने इस पहल का स्वागत किया है। एक छात्र की माँ ने कहा, “आज के दौर में किसी भी आपात स्थिति से इंकार नहीं किया जा सकता। यह प्रशिक्षण हमारे बच्चों को आत्मनिर्भर और मानसिक रूप से मजबूत बनाएगा।”
रक्षा जागरूकता की दिशा में अहम कदम
पहलगाम जैसे हमलों से भारत की सुरक्षा व्यवस्था सतर्क हुई है और यह मॉक ड्रिल उसी तैयारी का हिस्सा है। छात्रों के स्तर पर शुरू की गई यह पहल राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति जन-जागरूकता और तैयारियों को मजबूती देती है।
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