बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ बढ़ती हिंसा, चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच भारत की प्रतिक्रिया। जानें बांग्लादेश हिंसा पर 10 प्रमुख अपडेट।
बांग्लादेश में हाल के दिनों में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। विशेष रूप से, अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर हो रहे हमलों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को चिंतित कर दिया है। हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि एक हिंदू आध्यात्मिक नेता, चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में इस्कॉन पर भी सवाल उठने लगे हैं। इस पूरी घटनाचक्र के बीच, भारत सरकार और अन्य अंतरराष्ट्रीय नेताओं ने अपनी चिंता जाहिर की है, और बांग्लादेश सरकार पर दबाव बढ़ा है कि वह अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।
1. कोलकाता में विरोध मार्च
बंगीय हिंदू जागरण मंच के सदस्यों ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों और इस्कॉन के नेता चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के खिलाफ कोलकाता में बांग्लादेश के उप उच्चायुक्त के कार्यालय तक विरोध मार्च निकाला।
2. ममता बनर्जी का बयान
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "किसी भी धर्म को नुकसान नहीं पहुंचाया जाना चाहिए और धर्म के नाम पर हिंसा को कभी भी समर्थन नहीं दिया जा सकता।" उन्होंने उम्मीद जताई कि केंद्र सरकार इस मामले में बांग्लादेश से बात करके शांति बहाल करेगी।

3. विदेश मंत्री एस जयशंकर की संसद में चर्चा
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संसद में मुलाकात की और बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की जानकारी दी। वे G7 विदेश मंत्रियों की बैठक से इटली से लौटे थे, और उन्होंने भारत सरकार को इस हिंसा पर सख्त कदम उठाने की सलाह दी।
4. इस्कॉन बांग्लादेश का चौंकाने वाला कदम
इस्कॉन बांग्लादेश ने चिन्मय कृष्ण दास से खुद को अलग कर लिया है। संस्था ने साफ कहा कि उनका कार्य धार्मिक संस्था का प्रतिनिधित्व नहीं करता है। इस्कॉन बांग्लादेश ने इसे अनुशासनहीनता का परिणाम बताया और चिन्मय कृष्ण दास को उनके पदों से हटा दिया।
5. बांग्लादेश उच्च न्यायालय का आदेश
बांग्लादेश उच्च न्यायालय ने इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने के लिए स्वत: संज्ञान लेने का आदेश देने से इनकार कर दिया। अदालत ने कहा कि इस मामले में पहले ही आवश्यक कार्रवाई की जा चुकी है और सरकार को अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।
6. ब्रिटिश सांसद की कड़ी निंदा
यूके के सांसद बॉब ब्लैकमैन ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए हमलों और चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि धर्म की स्वतंत्रता को वैश्विक स्तर पर संरक्षित किया जाना चाहिए, और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
7. शेख हसीना का बयान
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने चटगांव में एक वकील की हत्या और चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी की निंदा की। उन्होंने तत्काल उनकी रिहाई की मांग की और आरोप लगाया कि बांग्लादेश की मौजूदा सरकार ने व्यापक मानवाधिकार उल्लंघन किए हैं।
8. शशि थरूर की चिंता
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा और चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी को "गंभीर और परेशान करने वाला" बताया। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ भारत सरकार का मुद्दा नहीं, बल्कि सभी भारतीय नागरिकों की चिंता है।
9. भारत की कड़ी आपत्ति
भारत सरकार ने चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर कड़ी आपत्ति जताई और बांग्लादेश से हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की। बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने भारत के इस हस्तक्षेप को लेकर नाराजगी जताई, और कहा कि यह उनके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप है।
10. बांग्लादेश में बढ़ती धार्मिक हिंसा
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। मुस्लिम कट्टरपंथी समूहों के साथ-साथ कुछ पुलिस अधिकारियों द्वारा भी हिंदुओं पर हमले किए जा रहे हैं। इसके साथ ही, भीड़ द्वारा हिंदू समुदाय की संपत्तियों को जलाना और हिंदू नागरिकों की पिटाई करना भी सामने आया है।
बांग्लादेश की स्थिति बेहद तनावपूर्ण बनी हुई है, और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें अब इस पर टिकी हुई हैं। क्या बांग्लादेश सरकार इस हिंसा को रोकने में सफल होगी, या फिर इसे बढ़ते हुए धार्मिक उन्माद से निपटने में और अधिक समय लगेगा? यह एक बड़ा सवाल है, जिसका जवाब आने वाले दिनों में मिलेगा।
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