जानें कैसे मोदी सरकार ने 6 करोड़ फर्जी राशन कार्ड रद्द कर सार्वजनिक वितरण प्रणाली को पारदर्शी बनाया। ईकेवाईसी और आधार लिंकिंग से सही लाभार्थियों तक राशन पहुंचाने की नई पहल।
देश की सार्वजनिक वितरण प्रणाली में इन दिनों बड़ी क्रांति हो रही है। डिजिटल युग की ओर बढ़ते हुए, मोदी सरकार ने राशन कार्ड के डिजिटलीकरण और आधार-लिंकिंग के जरिए पारदर्शिता लाने का बड़ा कदम उठाया है। इस प्रयास के तहत 20.4 करोड़ राशन कार्ड धारकों का वेरिफिकेशन किया गया, जिसमें चौंकाने वाली बात सामने आई—लगभग 6 करोड़ राशन कार्ड फर्जी पाए गए।
कैसे पकड़े गए फर्जी कार्ड?
आधार और ईकेवाईसी प्रणाली का इस्तेमाल करते हुए सरकार ने सभी राशन कार्ड धारकों की पहचान सत्यापित की। इसके दौरान, कई अपात्र और फर्जी लाभार्थी सिस्टम से बाहर हो गए। जिन 6 करोड़ कार्डों को रद्द किया गया, उनका इस्तेमाल गलत तरीके से मुफ्त राशन पाने के लिए किया जा रहा था।
80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन का लाभ
इस समय देशभर में 80 करोड़ 60 लाख लोग 20.4 करोड़ राशन कार्ड के जरिए मुफ्त राशन पा रहे हैं। इनमें से 99.80 प्रतिशत कार्ड आधार से लिंक हो चुके हैं। इतना ही नहीं, 98 प्रतिशत राशन वितरण अब इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ सेल (ई-पीओएस) उपकरणों के माध्यम से हो रहा है, जिससे लाभार्थियों को सही मात्रा में और सही समय पर राशन मिल रहा है।
वन नेशन, वन राशन कार्ड: कहीं भी राशन लें
डिजिटलीकरण ने न केवल सिस्टम को पारदर्शी बनाया है, बल्कि वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना के जरिए यह सुनिश्चित किया है कि देश के किसी भी हिस्से में लाभार्थी अपने मौजूदा राशन कार्ड का इस्तेमाल कर सकें। अब न राज्य की सीमाएं रोकती हैं, न जिले की दीवारें।
ईकेवाईसी क्यों है जरूरी?
सरकार ने लाभार्थियों की पहचान को और मजबूत करने के लिए ईकेवाईसी प्रक्रिया शुरू की है। अब तक 64 प्रतिशत राशन कार्ड धारकों का ईकेवाईसी हो चुका है, और शेष का काम तेजी से चल रहा है।
क्या आपका राशन कार्ड सुरक्षित है?
अगर आपका राशन कार्ड आधार से लिंक है और ईकेवाईसी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, तो चिंता की कोई बात नहीं। लेकिन अगर नहीं, तो नजदीकी उचित मूल्य की दुकान पर जाकर तुरंत यह प्रक्रिया पूरी कराएं।
डिजिटलीकरण और पारदर्शिता की इस नई पहल से फर्जीवाड़े पर लगाम लगाई गई है और असली जरूरतमंदों तक राशन पहुंचाना आसान हो गया है। इस परिवर्तन ने न सिर्फ लोगों का भरोसा जीता है, बल्कि देश की वितरण प्रणाली में एक नई उम्मीद जगाई है।
COMMENTS