नोएडा के फेस-1 थाना पुलिस और वन विभाग की टीम ने एक संयुक्त अभियान के तहत कछुओं की तस्करी में संलिप्त दो महिलाओं को गिरफ्तार किया है।
नोएडा पुलिस और वन विभाग की संयुक्त कार्रवाई में कछुओं की तस्करी के आरोप में मां-बेटी गिरफ्तार, 14 जीवित कछुए बरामद

नोएडा के फेस-1 थाना पुलिस और वन विभाग की टीम ने एक संयुक्त अभियान के तहत कछुओं की तस्करी में संलिप्त दो महिलाओं को गिरफ्तार किया है। ये गिरफ्तारियां जे जे कॉलोनी, सेक्टर-10, नोएडा से की गईं, जहां से कमलेश उर्फ कन्नर (50) और उनकी बेटी ज्योति (35) के कब्जे से 14 जीवित कछुए बरामद किए गए। इनके विरुद्ध वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की धारा 9/39/49/48ए के तहत मामला पंजीकृत किया गया है।
बरामदशुदा कछुओं का विवरण:
पकड़े गए कछुए *Indian Flapshell Turtle* (वैज्ञानिक नाम: *Lissemys punctata*) प्रजाति के हैं, जो वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत प्रथम अनुसूची में संरक्षित और दूसरी अनुसूची में सरकारी सम्पत्ति के रूप में चिह्नित हैं। इस प्रजाति का शिकार, परिवहन, खरीद-बिक्री और व्यापार करना पूर्णतः अवैध है।
अभियुक्तों से पूछताछ के बाद मिली जानकारी:
पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ है कि गिरफ्तार महिलाएं दिवाली के पर्व पर अधिक लाभ कमाने के उद्देश्य से कछुओं की बिक्री करती थीं, क्योंकि कुछ लोग दिवाली पर कछुए को शुभ मानकर खरीदते हैं। इसके अलावा, कछुए का मांस भी ऊंचे दामों में बेचा जाता है। मां-बेटी की इस जोड़ी ने कछुओं को सेक्टर-10 और आसपास के क्षेत्रों में बेचना शुरू किया था। दोनों महिलाएं विधवा हैं और अपने ग्राहकों की मांग के अनुसार कछुओं की तस्करी करती थीं।
वन विभाग का बयान:
वन विभाग के वन उपनिरीक्षक ने बताया कि बरामद किए गए सभी कछुए स्थानीय प्रजाति के हैं, जिनका संरक्षण अत्यावश्यक है। इन्हें शिकार के उद्देश्य से पकड़ना, बेचना या परिवहन करना कानूनन दंडनीय अपराध है। बरामद कछुओं को उचित चिकित्सकीय उपचार के बाद गंगनहर में प्राकृतिक आवास में छोड़ा जाएगा।
पंजीकृत मामला और आरोपियों का विवरण:
पंजीकृत मामला संख्या 474/24, धारा 9/39/49/48ए वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत नोएडा थाना फेस-1 में दर्ज किया गया है। गिरफ्तार महिलाएं मथुरा की निवासी हैं, जिनके नाम कमलेश उर्फ कन्नर और ज्योति हैं।
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