गौतमबुद्धनगर में खरीफ 2025 के तहत धान की फसल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कृषि विभाग ने कीटनाशी विक्रेताओं को सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अब किसानों को कीटनाशक बेचते समय विक्रेताओं को कैश रसीद देना और दवा की विधि, मात्रा एवं प्रभाव क्षेत्र जैसी पूरी जानकारी देना अनिवार्य होगा। अनधिकृत कंपनियों की दवा मिलने पर स्टॉक सीज और लाइसेंस निरस्तीकरण जैसी कार्रवाई की जाएगी। यह कदम ग्रो सेफ फूड अभियान के अंतर्गत फसल की गुणवत्ता और किसान हित में उठाया गया है।
खरीफ 2025 सीज़न में किसानों द्वारा धान की खेती प्रमुखता से की जा रही है। ऐसे में ग्रो सेफ फूड अभियान के अंतर्गत फसलों को कीट एवं रोगों से सुरक्षित रखने की दिशा में कृषि विभाग ने कीटनाशी विक्रेताओं के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
💬 कैश रसीद देना होगा अनिवार्य
जिला कृषि रक्षा अधिकारी विनोद कुमार ने जानकारी दी कि अब कीटनाशक विक्रेताओं को प्रत्येक विक्रय पर किसानों को कैश रसीद पूर्ण विवरण सहित देना अनिवार्य होगा। इससे किसानों को पारदर्शिता के साथ सही जानकारी मिल सकेगी।
📋 किसानों को दें पूरी जानकारी
डीलरों को यह सुनिश्चित करना होगा कि किसानों को कीटनाशक की प्रयोग विधि, छिड़काव की मात्रा, अंतराल, और इलाज योग्य क्षेत्रफल से संबंधित पूरी जानकारी दी जाए। साथ ही, केवल उन्हीं कंपनियों की दवाएं बेची जाएं, जिनके लिए विक्रेता अधिकृत हैं।
🚫 अनियमितता पर सख्त कार्रवाई
-
दुकान पर सभी दवाओं का स्टॉक रजिस्टर, बिल और अधिकृत पत्र रखना अनिवार्य होगा।
-
स्टॉक बोर्ड पर सभी उत्पादों का विवरण स्पष्ट रूप से अंकित होना चाहिए।
-
निरीक्षण के दौरान यदि अनधिकृत कंपनी की दवा पाई गई तो उसे अवैध स्टॉक माना जाएगा और सीज की कार्रवाई की जाएगी।
-
कीटनाशी अधिनियम 1968 और नियमावली 1971 के उल्लंघन पर विक्रेता का लाइसेंस निलंबित या निरस्त किया जा सकता है।
🚜 किसानों के हित में कड़ा कदम
यह अभियान किसानों को गुणवत्तायुक्त और सुरक्षित कीटनाशकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए चलाया जा रहा है, ताकि धान की फसल स्वस्थ और उत्पादन बेहतर हो सके।
COMMENTS