उत्तर प्रदेश सरकार के पेंशनरों के लिए जीवित प्रमाण पत्र जमा करने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिनकी जानकारी गौतम बुद्ध नगर की वरिष्ठ कोषाधिकारी शिखा गुप्ता ने दी।
पेंशनरों के लिए जीवित प्रमाण पत्र जमा करने की प्रक्रिया में बदलाव: अब बैंक और ऑनलाइन माध्यम से भी कर सकेंगे प्रमाणित

उत्तर प्रदेश सरकार के पेंशनरों के लिए जीवित प्रमाण पत्र जमा करने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिनकी जानकारी गौतम बुद्ध नगर की वरिष्ठ कोषाधिकारी शिखा गुप्ता ने दी। उन्होंने बताया कि पेंशनरों को वर्ष में एक बार किसी भी माह में कोषागार में अपना जीवित प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होता है, जो अगले एक वर्ष तक मान्य रहता है। यह प्रक्रिया पेंशन भुगतान की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए अनिवार्य है। गुप्ता ने आगे बताया कि अब पेंशनरों को कोषागार में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं है। वे अपना जीवित प्रमाण पत्र बैंक शाखा या जीवन प्रमाण पोर्टल के माध्यम से भी जमा कर सकते हैं। यह सुविधा पेंशनरों की सुविधा और उनके समय की बचत के लिए लागू की गई है। डिजिटल प्रक्रिया के माध्यम से जमा किया गया प्रमाण पत्र भी एक वर्ष तक वैध रहेगा।
उन पेंशनरों के लिए, जिनका जीवित प्रमाण पत्र अक्टूबर 2024 में समाप्त हो रहा है, गुप्ता ने आग्रह किया है कि वे अपना प्रमाण पत्र तुरंत जमा करें ताकि अक्टूबर माह की पेंशन में कोई बाधा न आए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई पेंशनर गंभीर रूप से बीमार हैं या यात्रा करने में असमर्थ हैं, तो उनके परिजन कोषागार से संपर्क कर सकते हैं। इस स्थिति में कोषागार के अधिकारी पेंशनर के निवास पर जाकर जीवित प्रमाण पत्र का सत्यापन करेंगे। इसके अतिरिक्त, गुप्ता ने जनपद के बैंक शाखा प्रबंधकों से भी अनुरोध किया कि वे अपने पेंशनरों के जीवित प्रमाण पत्र समय पर कोषागार में जमा कराएं ताकि पेंशन प्रक्रिया में कोई विलंब न हो। यह सुनिश्चित करने के लिए कि पेंशनरों की पेंशन समय पर जारी हो, सभी संबंधित पक्षों को अपनी जिम्मेदारियां निभाने पर जोर दिया गया है। इस पहल का उद्देश्य पेंशनरों को अधिकतम सुविधा प्रदान करना और उनकी पेंशन निर्बाध रूप से जारी रखना है। सभी पेंशनरों से अनुरोध किया गया है कि वे अपने जीवित प्रमाण पत्र को शीघ्र जमा करें, ताकि उन्हें किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
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