दिवाली के दौरान पटाखों पर प्रतिबंध के बाद पोटाश गन का उपयोग बढ़ा है, जिससे कई गंभीर हादसे हुए हैं। एम्स के डॉक्टरों ने पोटाश गन से हुई मौतों और स्थायी दिव्यांगता के मामलों का खुलासा किया है। जानिए कैसे यह गन खतरनाक साबित हो रही है और क्यों इसे पूरी तरह से बैन करने की मांग उठ रही है।
NCR और उसके आसपास के इलाकों में पटाखों पर बैन के बाद एक नई और खतरनाक चीज़ ने लोगों को अपनी चपेट में लिया है। यह है पोटाश गन, जो दीवाली के समय कई परिवारों की खुशियों को मातम में बदल चुकी है। हालांकि, यह गन पटाखों के समान धमाका करती है, लेकिन इसके खतरों को नजरअंदाज करना अब जानलेवा साबित हो रहा है। जानिए कैसे एम्स के डॉक्टरों ने पोटाश गन को 'जानलेवा' बताया और क्यों अब इसे पूरी तरह बैन करने की मांग उठ रही है।
खतरनाक पोटाश गन - जान की सलामती से लेकर दिव्यांगता तक का सफर:
इस साल दीवाली पर दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, और आसपास के क्षेत्रों में पोटाश गन के इस्तेमाल की संख्या में भारी बढ़ोतरी देखी गई। एम्स में आई इमरजेंसी में आए 10 मरीजों ने इस खतरनाक गन के इस्तेमाल की पुष्टि की। डॉ. ब्रजेश लहरी, एम्स के नेत्र रोग विशेषज्ञ, बताते हैं कि इनमें से छह मरीजों की आंखों की रोशनी पूरी तरह से चली गई, जबकि चार को एकतरफा अंधापन हुआ। इसके अलावा, दो मरीजों के हाथों की कलाई भी गंभीर रूप से प्रभावित हुई। इन हादसों ने डॉक्टरों को भी हिला कर रख दिया, क्योंकि वे इस तरह के गंभीर और विकृत मामलों से पहली बार रूबरू हो रहे थे।
आंखों की रोशनी और शरीर का अस्तित्व— एक पल में चला गया सब कुछ:
डॉ. ब्रजेश लहरी ने इस घटना को एक भयानक उदाहरण बताया, जिसमें 100 प्रतिशत आंखों की रोशनी का खत्म हो जाना सामान्य नहीं हो सकता। उनका कहना है कि पोटाश गन से होने वाली मौतें बेहद दर्दनाक होती हैं और इस तरह के हादसों से पीड़ित व्यक्ति की दिव्यांगता का सामना करना पड़ता है। एम्स में इन मरीजों का इलाज कर रही डॉक्टरों की टीम ने कहा कि उन्हें इस तरह के जलते और विकृत मामलों को देख कर हैरानी हुई। पोटाश गन के धमाके ने उनके शरीर के कुछ अंगों को हमेशा के लिए नष्ट कर दिया।
ऑनलाइन भी बिक रही है पोटाश गन— क्या है इसकी खतरे की वजह:
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि पोटाश गन ऑनलाइन भी बेची जा रही है। 700 से 1300 रुपये में इसे कोई भी आसानी से ऑर्डर कर सकता है। इसे कृषि आग पटाखा के नाम से भी बेचा जाता है, जबकि यह गन असल में खेतों की सुरक्षा के लिए बनाई गई थी। इसमें गंधक और पोटाश का मिश्रित पाउडर भरकर विस्फोट किया जाता है, लेकिन पाइप की गुणवत्ता का ध्यान न रखा जाने से यह अक्सर विस्फोट कर देता है और बड़े हादसों का कारण बनता है।
क्या है पोटाश गन का खतरनाक चेहरा:
पोटाश गन के विस्फोटक पदार्थों का निर्माण सल्फर पाउडर और पोटेशियम क्लोरेट के मिश्रण से होता है, जो जब प्रतिक्रिया करता है, तो यह अत्यधिक प्रतिक्रियाशील विस्फोटक पदार्थ बना देता है। पिछले साल जोधपुर के एम्स के डॉक्टरों ने इस पर अध्ययन किया था और पाया था कि सल्फ्यूरिक एसिड के साथ प्रतिक्रिया करने से यह और भी खतरनाक हो जाता है।
निष्कर्ष - पोटाश गन पर पूरी तरह से बैन जरूरी:
एम्स के डॉक्टरों का कहना है कि पोटाश गन को पूरी तरह से बैन कर दिया जाना चाहिए। लोगों को इसके खतरों के बारे में जागरूक करना और इसे ऑनलाइन बेचने पर भी सख्ती से रोक लगानी चाहिए। प्रदूषण नियंत्रण के नाम पर पटाखों पर बैन लगाए जाने के बाद, इस नई खतरे का सामने आना समाज के लिए एक चेतावनी है। यह गन किसी भी खुशी के मौके को काले घने बादल में बदल सकती है, और यह तबाही अब और नहीं होनी चाहिए।
आखिरकार, क्या हम इसे रोक पाएंगे?
हमारे त्योहारों को सुरक्षित और खुशहाल बनाने के लिए हमें इस खतरनाक खेल को रोकने की दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे।
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