नोएडा के मानसरोवर पार्क क्षेत्र में चल रहे जल आपूर्ति प्रोजेक्ट का आज दोपहर अधिकारियों द्वारा स्थल निरीक्षण किया गया। यह निरीक्षण विशेष रूप से निर्माणाधीन भूमिगत जलाशय (अंडरग्राउंड वॉटर टैंक) की प्रगति की समीक्षा के लिए आयोजित किया गया था। निरीक्षण में नगर निगम, जलकल विभाग और निर्माण एजेंसी से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। अधिकारियों ने परियोजना की गुणवत्ता और समयबद्धता सुनिश्चित करने पर विशेष बल दिया।
जल संकट के समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम
मानसरोवर पार्क और आसपास के क्षेत्रों में जलापूर्ति की पुरानी समस्याओं को देखते हुए यह परियोजना नोएडा प्राधिकरण द्वारा प्रारंभ की गई है। गर्मी के मौसम में जल की मांग अत्यधिक बढ़ जाती है, जिससे निवासियों को जल संकट का सामना करना पड़ता है। यह भूमिगत जलाशय करीब 2 लाख लीटर जल भंडारण क्षमता वाला होगा, जिससे मानसरोवर पार्क, सेक्टर 122, 123 और आसपास की कॉलोनियों में निर्बाध जल आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी।
अधिकारियों ने की सुरक्षा और गुणवत्ता की समीक्षा
निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने निर्माण स्थल की सुरक्षा व्यवस्था की भी गहन जांच की। छवि में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि निर्माण स्थल पर रस्सियाँ, लोहे के पाइप, बांस की सीढ़ियाँ और अन्य सामग्री व्यवस्थित रूप से रखी गई हैं। अधिकारी निर्माण कार्य की गुणवत्ता से संतुष्ट दिखे, लेकिन उन्होंने श्रमिकों की सुरक्षा को लेकर और भी कड़े मानकों को लागू करने की बात कही।
निरीक्षण दल में जलकल विभाग के अधीक्षण अभियंता, कार्यदायी संस्था के प्रोजेक्ट मैनेजर और नगर निगम के प्रतिनिधि शामिल थे। उन्होंने निर्माण कार्य की वर्तमान स्थिति की समीक्षा करते हुए स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी स्थिति में कार्य में ढिलाई नहीं बरती जानी चाहिए।
निर्माण कार्य की प्रगति पर चर्चा
छवि में दिख रहे अधिकारियों ने निर्माण स्थल पर खड़े होकर गहराई में बने टैंक का मुआयना किया। अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में RCC वॉल का कार्य पूरा हो चुका है और अब इनर वॉटरप्रूफिंग व प्लास्टरिंग का कार्य आरंभ होना है। निरीक्षण में पाया गया कि निर्माण कार्य तय समयसीमा के भीतर चल रहा है, किंतु कुछ तकनीकी अड़चनों के कारण आंशिक विलंब हुआ है। अधिकारियों ने इन बाधाओं को शीघ्र दूर करने के निर्देश दिए।
स्थानीय निवासियों को जल्द मिलेगी राहत
इस जलाशय के बन जाने के बाद मानसरोवर पार्क के हज़ारों निवासी जल संकट से निजात पा सकेंगे। वर्तमान में जल टैंकरों पर निर्भर रहने वाले लोगों के लिए यह एक स्थायी समाधान होगा। अधिकारियों ने यह भी आश्वासन दिया कि परियोजना पूरी होने के बाद प्रत्येक घर में जलापूर्ति की निरंतरता सुनिश्चित की जाएगी।
विकास कार्यों में पारदर्शिता और निगरानी बढ़ेगी
निरीक्षण के दौरान GPS लोकेशन और टाइम स्टैम्प का प्रयोग यह दर्शाता है कि अब विकास कार्यों में पारदर्शिता लाने के लिए टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जा रहा है। यह न केवल कार्य की निगरानी को बेहतर बनाता है, बल्कि किसी भी प्रकार की लापरवाही या भ्रष्टाचार पर नियंत्रण भी सुनिश्चित करता है।
प्राधिकरण की प्राथमिकताओं में जल प्रबंधन सबसे ऊपर
नोएडा प्राधिकरण के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आगामी वर्षों में जल संकट को रोकने के लिए अनेकों जलाशय, रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम और पाइपलाइन नेटवर्क का विस्तार किया जा रहा है। मानसरोवर पार्क का यह प्रोजेक्ट इसी दिशा में एक मॉडल के रूप में कार्य करेगा।
प्रोजेक्ट की समयसीमा और बजट
इस जल प्रोजेक्ट को दिसंबर 2025 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। लगभग ₹2.5 करोड़ की लागत से बन रहे इस जलाशय को पूरी तरह ऑटोमेटेड सिस्टम से जोड़ा जाएगा, जिसमें वॉटर लेवल सेंसिंग, मोटर कंट्रोल और आपातकालीन अलार्म जैसी आधुनिक सुविधाएं होंगी। अधिकारियों ने यह स्पष्ट किया कि बजट का सदुपयोग सुनिश्चित करने के लिए नियमित ऑडिट और रिव्यू बैठकें आयोजित की जा रही हैं।
निगरानी में कोई ढिलाई नहीं
निरीक्षण के अंत में अधिकारियों ने सभी संबंधित विभागों को एक संयुक्त कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश दिया ताकि सभी तकनीकी पहलुओं, सुरक्षा मानकों और स्थानीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए परियोजना का क्रियान्वयन हो सके। परियोजना स्थल पर नियमित निरीक्षण और प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने की भी बात कही गई।
मानसरोवर पार्क में निर्माणाधीन जलाशय नोएडा शहर के जल प्रबंधन के क्षेत्र में एक उल्लेखनीय प्रयास है। इसके सफल निर्माण और संचालन से हजारों लोगों को न केवल दैनिक जल संकट से राहत मिलेगी, बल्कि एक स्थायी, पर्यावरणीय और तकनीकी दृष्टिकोण से उन्नत जल व्यवस्था सुनिश्चित की जा सकेगी। यदि कार्य समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से पूरा होता है, तो यह प्रोजेक्ट नोएडा मॉडल के रूप में अन्य शहरी क्षेत्रों के लिए भी प्रेरणास्त्रोत बन सकता है।