नोएडा, 8 जून 2025। केंद्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में आयोजित "आर्य युवक चरित्र निर्माण शिविर" का रविवार को नोएडा के सेक्टर-44 स्थित एमिटी इंटरनेशनल स्कूल में भव्य समापन हुआ। यह शिविर 31 मई से 7 जून तक चला, जिसमें देशभर से आए 175 बच्चों ने भाग लिया। शिविर का उद्देश्य युवाओं को वैदिक संस्कृति, नैतिक मूल्यों, आत्मरक्षा, योग और अनुशासित जीवन शैली का प्रशिक्षण देना था।
शिविर का शुभारंभ आचार्य महेंद्र भाई ने वैदिक यज्ञ से किया, जिसमें बच्चों को यज्ञोपवीत धारण कराकर माता-पिता की सेवा का संकल्प दिलाया गया। समापन समारोह के मुख्य अतिथि एमिटी ग्रुप के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार चौहान ने कहा कि यह आर्य युवक राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभाएंगे और भारत को वैश्विक पटल पर गौरवान्वित करेंगे। उन्होंने आर्य युवक परिषद के कार्यों की सराहना करते हुए आश्वासन दिया कि एमिटी संस्थान हर वर्ष इस शिविर को आयोजित करने के लिए अपना सहयोग देता रहेगा।

परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि आर्य समाज का लक्ष्य राष्ट्रभक्त और संस्कारवान युवाओं का निर्माण करना है। उन्होंने कहा कि आधुनिक शिक्षा व्यवस्था में नैतिक मूल्यों की कमी को आर्य समाज अपनी शिक्षा शैली से पूरा करेगा। महर्षि दयानंद सरस्वती को युवाओं के लिए आदर्श बताते हुए उन्होंने उनके विचारों को अपनाने की आवश्यकता जताई।
इस अवसर पर शिक्षाविद श्री आनंद चौहान, डॉ. अमिता चौहान (चेयरपर्सन, एमिटी इंटरनेशनल स्कूल), प्राचार्या रेणु सिंह, शिक्षाविद अमन गर्ग सहित अनेक गणमान्य अतिथियों ने शिविर में प्रतिभागी बच्चों की प्रस्तुतियों की सराहना की। व्यायाम शिक्षक सौरभ गुप्ता के निर्देशन में आर्य युवकों द्वारा व्यायाम प्रदर्शन भी प्रस्तुत किया गया।

कार्यक्रम में गायिका पिंकी आर्या, प्रवीण आर्य, और रामकुमार आर्य द्वारा भजन प्रस्तुति दी गई। योगी प्रवीण आर्य ने शांति पाठ कराया और समापन कार्यक्रम का वातावरण श्रद्धा और उत्साह से ओत-प्रोत रहा।
शिविर में अजय आर्य (अलीगढ़) को सर्वश्रेष्ठ प्रथम, बीरू आर्य (शाहदरा) को द्वितीय तथा शिवम आर्य (बागपत) को तृतीय स्थान पर सम्मानित किया गया। समापन अवसर पर ऋषि लंगर का आयोजन भी किया गया, जिसमें सभी प्रतिभागियों ने भाग लिया।

कार्यक्रम में डॉक्टर बहन गायत्री मीना, मधु भसीन, अशोक गुलाटी, धर्मपाल आर्य, रामकुमार आर्य, अरुण आर्य, यज्ञवीर आर्य, देवेंद्र आर्य, सुरेश आर्य, सुधीर बंसल, ओमपाल शास्त्री सहित अनेक प्रतिष्ठित आर्यजनों की उपस्थिति रही।
इस शिविर ने यह सिद्ध किया कि संस्कारित और सशक्त युवा ही भारत को आत्मनिर्भर और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध राष्ट्र बनाएंगे।

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