जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई का बिगुल बजा दिया है। सुरक्षाबलों ने राज्य के संवेदनशील इलाकों और जंगलों में तलाशी अभियानों को तेज कर दिया है, वहीं एनआईए भी हमले की गहन जांच में जुट गई है। रविवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान की महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें आतंकियों के खिलाफ निर्णायक रणनीति पर विचार-विमर्श किया गया। इसी बीच, सीमा सुरक्षा बल (BSF) के महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी ने भी गृह मंत्रालय में उच्चाधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें सीमा प्रबंधन और आतंकी गतिविधियों पर चर्चा हुई।
सुरक्षा एजेंसियां संयुक्त अभियान के तहत संदिग्धों की धरपकड़ कर रही हैं और राज्य भर में चौकसी बढ़ा दी गई है। एनआईए की विशेष टीम ने पहलगाम पहुंचकर हमले की साजिश और आतंकी नेटवर्क से जुड़े सुराग जुटाने की प्रक्रिया तेज कर दी है। हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन टीआरएफ ने ली है, और पाकिस्तान से जुड़े तार सामने आने के बाद भारत ने त्वरित और सख्त कदम उठाए हैं। इसमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना, अटारी बॉर्डर पर आवागमन रोकना, पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा निलंबन, पाकिस्तानी राजनयिकों को 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ने का आदेश, और इस्लामाबाद स्थित भारतीय दूतावास को बंद करने का निर्णय शामिल है। सरकार का स्पष्ट संदेश है—आतंक को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
COMMENTS