शुक्रवार सुबह उत्तरकाशी में महसूस हुए दो भूकंप के झटके, लोगों में दहशत और प्रशासन में चिंता का माहौल।
उत्तरकाशी और उसके आसपास के इलाकों में शुक्रवार की सुबह एक दिल दहला देने वाली घटना घटी। दो बार भूकंप के झटकों ने लोगों को बुरी तरह से हिला दिया, और दहशत फैल गई। लोग घरों से बाहर निकल आए, अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंतित थे। इस भूकंपीय हलचल ने पूरे क्षेत्र में खौफ का माहौल बना दिया, और जिला प्रशासन तुरंत स्थिति का जायजा लेने में जुट गया।
पहली हलचल: सुबह 7:42 बजे, भूकंप का पहला धमाका!
सवेरे के वक्त, जब लोग अपनी दिनचर्या में व्यस्त थे, तो एक अजीब सी हलचल महसूस हुई। ये था उत्तरकाशी में भूकंप का पहला झटका, जिसकी तीव्रता ने सभी को चौंका दिया। खास बात यह रही कि भूकंप के कारण वरुणावत पर्वत के भूस्खलन जोन से मलबा और पत्थर गिरने लगे, जिससे इलाके में और भी भय का माहौल बना।
फिर एक और झटका: 8:19 बजे, भूकंप ने फिर मचाई हलचल!
इतने में, जैसे ही लोग पहले भूकंप के झटकों से उबरने की कोशिश कर रहे थे, तभी एक और भूकंप ने पुनः धरती को हिलाकर रख दिया। 8 बजकर 19 मिनट पर आया यह दूसरा झटका, जिसमें रिक्टर स्केल पर 3.5 की तीव्रता दर्ज की गई। इसके बाद लोग फिर से बुरी तरह से घबराए और खुद को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने लगे।
भूकंप का केंद्र: क्या रहस्य छुपा है ज़मीन के अंदर?
भूकंप का केंद्र उत्तरकाशी से करीब 5 किमी नीचे था, और यही कारण था कि झटके इतनी तीव्रता से महसूस हुए। लेकिन सवाल उठता है, आखिरकार यह भूकंप आया क्यों? पृथ्वी के अंदर सात विशाल प्लेट्स हैं, जो लगातार टकराती रहती हैं। जब ये प्लेट्स एक दूसरे से टकराती हैं, तो भूगर्भीय ऊर्जा का रिसाव होता है और उसके बाद भूकंप का शिकार होते हैं हम। उत्तरकाशी जैसे इलाकों में यह सब अधिक होता है, जहां की धरती में लगातार हलचल बनी रहती है।
रिक्टर स्केल: भूकंप की तीव्रता को समझने का तरीका
भूकंप के झटकों को मापने का सबसे सामान्य तरीका है 'रिक्टर स्केल'। इस स्केल पर भूकंप की तीव्रता 1 से 9 तक मापी जाती है। जब रिक्टर स्केल पर 7 या उससे अधिक की तीव्रता वाले भूकंप आते हैं, तो उसके असर का दायरा काफी बड़ा होता है। भूकंप के दौरान उत्पन्न होने वाली ऊर्जा से ही यह तय होता है कि कितना भयावह झटका होगा।
आखिरकार, राहत की सांस
हालांकि, राहत की बात यह है कि अब तक जिले से किसी भी प्रकार के जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं आई है। प्रशासन ने सभी तहसील क्षेत्रों से रिपोर्ट इकट्ठा करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है।
फिलहाल, उत्तरकाशी और आसपास के क्षेत्रों में लोग घबराए हुए हैं, लेकिन उम्मीद है कि यह रहस्यमय घटना जल्द ही सुलझेगी। क्या अगले कुछ घंटों में और भूकंप के झटके महसूस होंगे? इस सवाल का जवाब तो समय ही देगा, लेकिन लोग अब भी बेचैनी से आसमान की ओर देख रहे हैं, और धरती की गहरी हलचलों से अनजान नहीं हैं।
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