लखनऊ, 22 मई।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने पिछड़े वर्ग के उत्थान को केवल नीतिगत दस्तावेजों तक सीमित नहीं रखा, बल्कि उसे योजनाओं के ठोस क्रियान्वयन से धरातल पर उतारा है। यह पहली बार है जब राज्य स्तर पर शिक्षा, तकनीकी प्रशिक्षण और आवासीय सुविधाओं को एकीकृत कर सामाजिक विकास को रणनीतिक आधार बनाया गया है।
रिकॉर्ड छात्रवृत्ति वितरण: 2,475 करोड़ की राशि से 30 लाख विद्यार्थियों को मिली राहत
पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा संचालित छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना को वित्तीय वर्ष 2024-25 में अभूतपूर्व बढ़ावा मिला। ₹2,475 करोड़ की स्वीकृत राशि के माध्यम से लगभग 30 लाख विद्यार्थियों के खातों में पारदर्शी प्रक्रिया से सहायता राशि भेजी गई।
-
पूर्वदशम छात्रों को ₹2,250 वार्षिक
-
दशमोत्तर छात्रों को पाठ्यक्रम के अनुसार ₹10,000 से ₹50,000 तक की प्रतिपूर्ति
यह वित्तीय सहायता न केवल शिक्षा को सुलभ बना रही है, बल्कि भ्रष्टाचार-मुक्त तंत्र की मिसाल भी पेश कर रही है।

तकनीकी दक्षता से सशक्तिकरण: हजारों ओबीसी युवाओं को डिजिटल कौशल में प्रशिक्षण
राज्य सरकार ने शिक्षित बेरोजगार युवाओं के लिए कंप्यूटर प्रशिक्षण योजना को रणनीतिक रूप से लागू किया है।
-
वर्ष 2023-24 में ₹22.52 करोड़ से 23,697 युवाओं को ‘ट्रिपल सी’ व ‘ओ-लेवल’ पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षित किया गया
-
पूर्ववर्ती वर्ष में ₹32.92 करोड़ से 29,769 विद्यार्थियों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया
आगामी चरण में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे अत्याधुनिक कोर्सेस को जोड़ने की तैयारी है, जिससे ओबीसी युवाओं को डिजिटल अर्थव्यवस्था में सशक्त स्थान मिल सके।
निःशुल्क छात्रावास सुविधा: 105 केंद्रों पर हो रहा रख-रखाव, छात्रों को सुरक्षित आवास
राज्य के दूरवर्ती एवं ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले छात्रों के लिए 105 छात्रावासों में निःशुल्क रहने की सुविधा सुनिश्चित की गई है।
‘योगी मॉडल’ का असर: नीति से परिणाम तक पहुंची योजनाएं
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह स्पष्ट दृष्टिकोण है कि पिछड़े वर्ग के युवाओं को शिक्षा और तकनीकी कौशल से जोड़कर न केवल सामाजिक संतुलन स्थापित किया जा सकता है, बल्कि प्रदेश को आत्मनिर्भरता की दिशा में तेज़ी से अग्रसर भी किया जा सकता है।
पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री नरेंद्र कश्यप ने कहा कि, "आज यह वर्ग केवल योजनाओं का लाभार्थी नहीं, बल्कि प्रगति का वाहक बन गया है। छात्रवृत्ति, तकनीकी प्रशिक्षण और छात्रावास – तीनों स्तंभों ने मिलकर पिछड़े वर्ग के युवाओं को आत्मनिर्भरता और सम्मान का जीवन दिया है।"
COMMENTS