उत्तर प्रदेश में एक नया छह लेन का ग्रीनफील्ड हाईवे बनने जा रहा है, जो 22 जिलों से होकर गुजरेगा और गोरखपुर से पानीपत तक जाएगा। इस परियोजना से उत्तर प्रदेश के कई पिछड़े इलाकों का विकास होगा, और इन क्षेत्रों में ज़मीनों के दाम में भी भारी बढ़ोतरी की संभावना है। हाईवे का निर्माण तीन साल में पूरा होने की योजना है, और यह व्यापारिक अवसरों के लिहाज से महत्वपूर्ण साबित होगा।
उत्तर प्रदेश में एक और हाईवे का निर्माण होने जा रहा है, और यह सिर्फ एक सड़क नहीं, बल्कि एक नई क्रांति का आगाज है। प्रदेश के 22 जिलों से होकर गुज़रने वाला यह छह लेन वाला ग्रीनफील्ड हाईवे, न केवल प्रदेश की आर्थिक स्थिति को बदलने वाला है, बल्कि यह उन क्षेत्रों की किस्मत भी बदलने वाला है, जिनसे यह हाईवे गुज़रेगा।
कहां से शुरु होगा यह हाईवे और कहां तक जाएगा?
यह हाईवे गोरखपुर से शुरु होकर, उत्तर प्रदेश के तमाम प्रमुख जिलों से होता हुआ पानीपत (हरियाणा) तक पहुंचेगा। गोरखपुर से महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती होते हुए बहराइच तक, फिर लखनऊ और सीतापुर के उत्तर से होते हुए लखीमपुर जिले के बीच से गुजरेगा, और इसके बाद पीलीभीत, बरेली, मुरादाबाद होते हुए पानीपत तक पहुंचेगा। इस हाईवे की कुल लंबाई करीब 700 किलोमीटर होगी, जो प्रदेश के विकास में एक नया अध्याय जोड़ेगी।
क्या होगा इसका असर?
प्रारंभ में यह हाईवे गोरखपुर से शामली तक बनने की योजना थी, लेकिन अब इसे पानीपत तक बढ़ा दिया गया है, जिससे इसकी लंबाई करीब 53 किलोमीटर और बढ़ गई है। यह फैसला प्रदेश के कई अपेक्षाकृत पिछड़े इलाकों को एक नई दिशा दे सकता है। पानीपत, जो टेक्सटाइल उद्योग का बड़ा हब है, अब उत्तर प्रदेश के इन जिलों से सीधे जुड़ जाएगा। इससे इन क्षेत्रों में कारोबार की रफ्तार तेज़ होगी, और यहां की ज़मीनों के दाम में भी अप्रत्याशित बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।
कभी नहीं देखी गई विकास की रफ्तार!
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने इस परियोजना के लिए एक प्रमुख सलाहकार फर्म को चुन लिया है, जो जमीन पर सीमांकन के साथ-साथ इसकी लागत का आकलन भी करेगी। परियोजना के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार की जाएगी, और इसके बाद निर्माण कार्य के लिए टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे। यह काम कई पैकेज में बांटकर किया जाएगा, और इसे तीन साल के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
क्या है सबसे बड़ा चौंकाने वाला पहलू?
यह हाईवे सिर्फ एक सड़क नहीं है, बल्कि यह उत्तर प्रदेश के विकास का नया रास्ता बनेगा। जितनी तेजी से इस हाईवे का निर्माण होगा, उतनी ही तेजी से इन जिलों की किस्मत भी बदलेगी। जिन जमीनों पर कभी ताजगी का नामो-निशान नहीं था, वे अब बहुत महंगी हो जाएंगी, और जहां आर्थिक गतिविधियाँ रुक गई थीं, वहां एक नया कारोबार पंख लगाएगा।
आखिरकार, यह हाईवे प्रदेश की तस्वीर को एक नए तरीके से उकेरेगा और आने वाले समय में उत्तर प्रदेश का चेहरा पूरी दुनिया के सामने एक नई पहचान के रूप में उभरेगा।
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