दिल्ली-NCR में बढ़ते प्रदूषण के चलते GRAP-3 लागू हो गया है। इसके तहत बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल इंजन वाहनों पर प्रतिबंध, स्कूलों में हाइब्रिड मोड में पढ़ाई, और आवश्यक सेवाओं को छूट दी गई है। जानें इन नए नियमों के असर और छूट की पूरी जानकारी।
दिल्ली की हवा एक बार फिर ज़हरीली हो गई है, और इसके साथ ही सरकार ने आपातकालीन कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। राजधानी का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 374 तक पहुँचने के बाद, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तीसरे चरण को लागू कर दिया है। इसके साथ ही दिल्ली-NCR में कई कड़े प्रतिबंधों की घोषणा की गई है, जो नागरिकों के जीवन को सीधे प्रभावित करेंगे।
वाहनों पर कड़ी पाबंदी: कौन सा इंजन होगा प्रतिबंधित?
दिल्ली की सड़कों पर अब बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल इंजन वाले चार पहिया वाहन नहीं चलेंगे। दिल्ली में इन वाहनों के प्रवेश पर सख्त प्रतिबंध लगा दिया गया है। साथ ही, बीएस-4 डीजल इंजन वाले मालवाहक वाहनों के प्रवेश पर भी रोक है। यह प्रतिबंध आम नागरिकों के साथ-साथ व्यापारियों और ट्रांसपोर्टर्स के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है, क्योंकि इससे दिल्ली के अंदर और बाहर सामान ले जाना मुश्किल हो जाएगा।
स्कूलों पर असर: पहली से पाँचवीं कक्षा तक हाइब्रिड मोड में पढ़ाई
GRAP-3 के तहत, दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर के स्कूलों में पहली से लेकर पाँचवीं कक्षा तक की पढ़ाई अब हाइब्रिड मोड में होगी। इसका मतलब यह है कि माता-पिता और छात्र यह निर्णय ले सकते हैं कि उन्हें ऑनलाइन पढ़ाई करनी है या स्कूल जाकर। इस निर्णय से बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पेरेंट्स को ज्यादा विकल्प दिए गए हैं।
छूट और सेवाओं की जारी रहेंगी गतिविधियाँ
हालांकि इन कड़े प्रतिबंधों के बीच, कुछ क्षेत्रों को छूट भी दी गई है। मेट्रो, रेलवे और अस्पताल से जुड़ी परियोजनाओं को जारी रखने की अनुमति होगी। आवश्यक सेवाओं से जुड़े वाहनों को भी दिल्ली के अंदर चलने की छूट दी गई है, जिससे जरूरी आपूर्ति में कोई रुकावट न आए। व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए दिव्यांगजन इन पाबंदियों से बाहर रहेंगे, ताकि उनके दैनिक जीवन में कोई बाधा न हो।
कार्यालयों और अन्य जिलों के लिए दिशानिर्देश
दिल्ली और एनसीआर के सरकारी दफ्तरों और सिविक एजेंसियों को अब अलग-अलग समय पर खोला और बंद किया जाएगा, ताकि ट्रैफिक का दबाव कम किया जा सके। राज्य सरकारों को यह सलाह दी गई है कि वे NCR के अन्य जिलों में भी इसी तरह के प्रबंध करें। इसके तहत ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड में काम और पढ़ाई के विकल्प खुले रखे जा सकते हैं।
अब देखना यह है कि GRAP-3 के तहत उठाए गए ये कदम प्रदूषण पर कितना नियंत्रण लगा पाते हैं, और नागरिकों की दैनिक ज़िंदगी में क्या बदलाव आते हैं।