गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में 16 से 18 जनवरी तक आयोजित होने वाला तीन दिवसीय IEEE अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन "कॉग्निटिव कंप्यूटिंग इन इंजीनियरिंग, कम्युनिकेशंस, साइंसेस एंड बायोमेडिकल हेल्थ इन्फॉर्मेटिक्स (IC3ECSBHI-2025)" अपने दूसरे दिन ज्ञान के समुद्र में डूबते हुए एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ। सम्मेलन के पहले दिन के उद्घाटन सत्र के बाद, तकनीकी सत्रों ने वैज्ञानिक और तकनीकी क्षेत्रों में गहरी छाप छोड़ी।
सात विविध और उत्कृष्ट तकनीकी सत्रों में देश-विदेश के शोधार्थियों, प्राध्यापकों और विशेषज्ञों ने अपने शोध-पत्र प्रस्तुत किए। इन सत्रों में चर्चा के प्रमुख विषय रहे—आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मोबाईल रोबोटिक्स, ब्रेन-कंप्युटर इंटरफेसेस, भारत-मलेशिया संबंध, एआई की तकनीकी क्रांति, उद्योग 4.0 के लिए एज कंप्यूटिंग, मॉडर्न गेम डेवलपमेंट, टू-व्हीलर व्हीकल्स के लिए वायरलेस कम्युनिकेशन, और क्लाउड-बेस्ड डेटा विज़ुअलाइजेशन पर आधारित ऑयल पाइपलाइन जैसी महत्त्वपूर्ण और सामयिक तकनीकी प्रगति। इन विषयों पर लगभग दो सौ उत्कृष्ट शोध-पत्रों का वाचन हुआ, जिसने सम्मेलन को एक नई दिशा और ऊर्जा दी।
सम्मेलन का आयोजन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रवीन्द्र कुमार सिन्हा के नेतृत्व में, कुलसचिव डॉ. विश्वास त्रिपाठी तथा जनरल चेयर डॉ. एम. ए. अंसारी के सहसंरक्षण में किया जा रहा है। यह सम्मेलन कॉग्निटिव कंप्यूटिंग के एकीकृत समाधानों के माध्यम से इंजीनियरिंग, संचार, विज्ञान और स्वास्थ्य देखभाल के जटिल मुद्दों का समाधान खोजने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है। इसमें प्रमुख वक्ताओं, सत्र अध्यक्षों और ट्रैक अध्यक्षों के रूप में अमेरिका, वियतनाम, बांग्लादेश, ओमान, कतर, बेल्जियम और अन्य देशों के अंतरराष्ट्रीय मेहमानों ने भी हिस्सा लिया।
सम्मेलन के दूसरे दिन का कार्यक्रम सांस्कृतिक रंगों से भी सराबोर रहा। 16 जनवरी की शाम को विश्वविद्यालय के सांस्कृतिक परिषद के छात्रों ने एक शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया। नृत्य और संगीत की प्रस्तुतियों ने शाम को मंत्रमुग्ध कर दिया, जिससे सम्मेलन का वातावरण और भी आकर्षक हो गया।
यह सम्मेलन न केवल विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवाचारों और समाधानों की दिशा में कदम बढ़ाने का एक अवसर है, बल्कि इससे वैश्विक स्तर पर सहयोग और विचारों का आदान-प्रदान भी हो रहा है। सम्मेलन के अगले दिन भी और अधिक जानकारियों और चर्चाओं का इंतजार है, जो भविष्य में तकनीकी क्रांति के लिए नया मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं।