प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार एक पॉडकास्ट के जरिए अपने अनुभव साझा किए हैं, जो उनके राजनीतिक जीवन और प्रधानमंत्री के रूप में उनके तीन कार्यकालों का गहरा विश्लेषण है। जीरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामत के साथ इस साक्षात्कार में पीएम मोदी ने अपने राजनीतिक सफर, देश की दिशा, और भविष्य के विकास के बारे में रोचक बातें कीं। इस पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने 11 साल के अपने प्रधानमंत्री के अनुभवों पर खुलकर विचार किए, जिससे न केवल उनकी कार्यशैली बल्कि उनकी सोच और दृष्टिकोण का भी पता चला।
"पहले कार्यकाल में लोग मुझे समझने की कोशिश कर रहे थे, अब मेरी सोच बदल चुकी है"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पहले, दूसरे और तीसरे कार्यकाल के अनुभवों पर चर्चा करते हुए कहा, "पहले कार्यकाल में लोग मुझे समझने की कोशिश कर रहे थे, और मैं दिल्ली को समझने की कोशिश कर रहा था। दूसरे कार्यकाल में, मैं अतीत के दृष्टिकोण से सोचता था, लेकिन अब मेरी सोच पूरी तरह बदल चुकी है। तीसरे कार्यकाल में, मेरा मनोबल ऊंचा हुआ है और मेरे सपने बड़े हो गए हैं।"
यह बयान दर्शाता है कि कैसे समय के साथ पीएम मोदी की सोच और दृष्टिकोण में बदलाव आया है और वे अब अधिक आत्मविश्वासी और दूरदर्शी होकर देश के भविष्य के लिए काम कर रहे हैं। उनका यह विश्वास है कि 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना उनका मुख्य उद्देश्य है।
"सरकारी योजनाओं की 100% डिलीवरी होनी चाहिए, यही सामाजिक न्याय है"
पीएम मोदी ने अपने पॉडकास्ट में यह भी बताया कि उनका लक्ष्य 2047 तक एक विकसित भारत बनाना है, और इसके लिए सभी समस्याओं का समाधान तलाशना है। उन्होंने जोर देते हुए कहा, "सरकारी योजनाओं की 100% डिलीवरी होनी चाहिए, यही वास्तविक सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता है।" इसके पीछे उनकी प्रेरक शक्ति "AI - एस्पिरेशनल इंडिया" है, जिसका मतलब है कि भारत का हर नागरिक एक आकांक्षी हो और अपने सपनों को पूरा करने के लिए कार्य करे।
राजनीति में युवाओं की भूमिका और मिशन की जरूरत
पीएम मोदी ने युवाओं को राजनीति में अधिक सक्रिय रूप से भाग लेने की सलाह दी और कहा, "राजनीति में आना चाहिए, लेकिन महात्वाकांक्षा के बजाय एक मिशन के साथ आना चाहिए।" उनका मानना है कि अगर युवा अपने मिशन के साथ राजनीति में आते हैं तो वे देश के विकास में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।
"हम तटस्थ नहीं, शांति के पक्षधर हैं"
प्रधानमंत्री ने वैश्विक मुद्दों और युद्ध की स्थिति पर भी अपनी राय दी। उन्होंने कहा कि, "हम तटस्थ नहीं हैं, हम शांति के पक्षधर हैं।" पीएम मोदी ने यह भी साझा किया कि जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तो उन्होंने एक भाषण में कहा था कि "गलतियां होती हैं, मुझसे भी हुई हैं। मैं कोई देवता नहीं हूं।" यह बयान उनके आत्मविश्वास और यह दिखाता है कि वह अपनी गलतियों को भी स्वीकार करते हैं, जो एक प्रभावशाली नेतृत्व की निशानी है।
निरंतर विकास की ओर कदम बढ़ाते पीएम मोदी
इस पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने अपने आत्मविश्वास, सकारात्मक दृष्टिकोण और विकास की दिशा में निरंतर प्रयासों की बात की। उनका यह संदेश स्पष्ट है कि उनका लक्ष्य सिर्फ भारतीय समाज को न केवल सशक्त बनाना है, बल्कि देश को दुनिया के सबसे शक्तिशाली और विकसित राष्ट्रों की श्रेणी में खड़ा करना है।