प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के 150वें स्थापना दिवस समारोह में भाग लिया और इस अवसर पर एक नई शुरुआत का ऐलान किया, जिसका नाम रखा गया है - ‘मिशन मौसम’। इस मिशन का उद्देश्य देशभर में मौसम से संबंधित जानकारी की पहुंच को और अधिक सशक्त बनाना है, ताकि कृषि और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में समय पर जानकारी प्राप्त की जा सके।
इस समारोह में पीएम मोदी ने न केवल आईएमडी की 150 वर्षों की यात्रा को सराहा, बल्कि मकर संक्रांति के त्योहार को लेकर भी अपनी यादें साझा कीं। उन्होंने कहा, "गुजरात में मकर संक्रांति का त्योहार मेरे लिए खास रहा है, क्योंकि यह मेरे बचपन का प्रिय पर्व था। वहां, इस दिन हर कोई छत पर होता है और पूरा दिन खुशियों से भरपूर रहता है।"
पीएम मोदी ने कहा, "यह दिन भारतीय परंपरा में अहम है, क्योंकि सूर्य इस दिन धनु से मकर राशि में प्रवेश करता है और यह समय खेती-बाड़ी की तैयारी के लिए होता है।" उन्होंने मकर संक्रांति के महत्व को और बढ़ाते हुए कहा कि यह दिन देशभर में विभिन्न सांस्कृतिक रंगों के साथ मनाया जाता है और इससे हमारी परंपरा और समृद्धि का प्रतीक बनता है।
उन्होंने यह भी बताया कि 10 साल पहले, केवल 10 प्रतिशत किसानों और पशुपालकों को मौसम से संबंधित सुझाव मिलते थे, लेकिन अब यह संख्या बढ़कर 50 प्रतिशत हो चुकी है। ‘मिशन मौसम’ के जरिए सरकार का उद्देश्य इस आंकड़े को और बढ़ाना है, ताकि किसानों और अन्य समुदायों को सही समय पर मौसम की जानकारी मिल सके और वे अपनी योजनाओं को सही तरीके से बना सकें।
आज मकर संक्रांति न केवल त्योहार के रूप में मनाई जाती है, बल्कि यह भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास का प्रतीक बन गई है। पीएम मोदी का यह भाषण यह दर्शाता है कि सरकार का लक्ष्य सिर्फ सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित रखना नहीं, बल्कि विज्ञान और तकनीकी प्रगति के माध्यम से देश को और अधिक सशक्त बनाना है।