RBI ने साउथ इंडियन बैंक पर ₹59.20 लाख का जुर्माना लगाया है। जानिए क्यों बैंक ने डिपॉजिट ब्याज दर और कस्टमर सर्विस नियमों में किया उल्लंघन, और क्या इसका आपके बैंकिंग लेन-देन पर कोई असर होगा।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने साउथ इंडियन बैंक पर डिपॉजिट ब्याज दरों और ग्राहक सेवाओं से संबंधित निर्देशों के अनुपालन में खामियों के लिए ₹59.20 लाख का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना बैंक द्वारा न्यूनतम शेष राशि रखने को लेकर ग्राहकों को उचित सूचना नहीं देने और गलत तरीके से शुल्क लगाने के कारण लगाया गया है।
जुर्माने के कारण
आरबीआई की जांच में पाया गया कि साउथ इंडियन बैंक ने कुछ ग्राहकों को SMS, ईमेल या पत्र के माध्यम से सूचित किए बिना, न्यूनतम शेष राशि न बनाए रखने पर शुल्क लिया था। इसके बाद आरबीआई ने बैंक के खिलाफ यह कार्रवाई की है।
आरबीआई ने बैंक को नोटिस जारी किया था और बैंक के जवाब और व्यक्तिगत सुनवाई के बाद पाया कि आरोप सही हैं, जिसके कारण जुर्माना लगाया गया।
RBI का बयान
आरबीआई ने स्पष्ट किया कि यह जुर्माना केवल नियामक अनुपालन में खामियों के आधार पर लगाया गया है और इसका उद्देश्य बैंक के किसी भी लेन-देन या समझौते की वैधता को प्रभावित करना नहीं है। यह कदम बैंकिंग क्षेत्र में उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए उठाया गया है।
ग्राहकों के लिए क्या मायने रखता है?
साउथ इंडियन बैंक के ग्राहक चिंता न करें, क्योंकि इस जुर्माने से उनके खातों या लेन-देन की वैधता पर कोई असर नहीं पड़ेगा। हालांकि, यह बैंक को अधिक पारदर्शिता और स्पष्टता सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित करेगा, विशेष रूप से शुल्कों और खाते से संबंधित जानकारी देने के मामले में।
यह कार्रवाई आरबीआई की ओर से भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में उपभोक्ता सुरक्षा को मजबूत करने के प्रयासों का हिस्सा है।