गौतमबुद्ध नगर, 15 अक्टूबर 2024 – गौतमबुद्ध नगर के डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन कलेक्ट्रेट की आम सभा की एक महत्वपूर्ण बैठक आज आयोजित की गई।
गौतमबुद्ध नगर: श्रीमती चारुल यादव उपजिलाधिकारी सदर गौतम बुध नगर के खिलाफ बार एसोसिएशन का विरोध, भ्रष्टाचार पर हड़ताल की घोषणा
गौतमबुद्ध नगर, 15 अक्टूबर 2024 – गौतमबुद्ध नगर के डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन कलेक्ट्रेट की आम सभा की एक महत्वपूर्ण बैठक आज आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता श्री जयपाल भाटी ने की और संचालन सचिव श्री हेमंत शर्मा द्वारा किया गया। बैठक का मुख्य उद्देश्य 9 अक्टूबर 2024 को पारित किए गए प्रस्ताव पर चर्चा करना और उससे जुड़े मुद्दों पर आगे की रणनीति तय करना था।
बैठक के दौरान बार सचिव श्री हेमंत शर्मा ने बताया कि बार एसोसिएशन की प्रमुख मांगों को लेकर श्रीमान अपर जिलाधिकारी और श्री मंगलेश्वर दुबे के साथ दो बार वार्ता हो चुकी है, जिसमें अध्यक्ष और सचिव सहित अन्य अधिवक्ताओं ने भाग लिया। इन वार्ताओं के बावजूद, बार एसोसिएशन की मांगों के संबंध में किसी सकारात्मक नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सका। जिला अधिकारी और अपर जिला अधिकारी की तरफ से कोई ठोस आश्वासन नहीं मिलने के कारण, अधिवक्ताओं ने अधिकारियों के नकारात्मक रवैये पर नाराजगी जाहिर की।
बार एसोसिएशन के अनुसार, श्रीमती चारुल यादव उपजिलाधिकारी सदर गौतम बुध नगर के कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार में अत्यधिक वृद्धि हुई है। शिकायतों का समाधान निकालने की बजाय उन्हें दर्ज ही नहीं किया जा रहा है और ऑनलाइन शिकायत पोर्टल बंद कर दिया गया है। धरना प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि जब उन्होंने भ्रष्टाचार की शिकायत की, तो भ्रष्ट अधिकारियों का ट्रांसफर रोक दिया गया। अधिवक्ताओं का कहना है कि श्रीमती चारुल यादव उपजिलाधिकारी सदर गौतम बुध नगर ने योगी आदित्यनाथ के सामने अपनी छवि को परिभाषित करने के लिए यह कदम उठाया।
मीटिंग में यह सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन की मांगों के निस्तारण के लिए, कलेक्ट्रेट के सभी अधिवक्ता अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे। इस हड़ताल के दौरान अधिवक्ता अपने चैंबरों को ताला लगाकर शांतिपूर्वक धरने पर बैठेंगे। उनका धरना जिला प्रशासन द्वारा की जा रही अनदेखी और भ्रष्टाचार के खिलाफ एक कड़ा संदेश है। अधिवक्ता यह मांग कर रहे हैं कि कलेक्ट्रेट में चल रहे घोटालों पर लगाम लगाई जाए और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर दिए जाएं, न कि बाहरी लोगों को प्राथमिकता दी जाए।
बैठक में यह भी कहा गया कि अगर उनकी मांगों पर जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो वे अपनी लड़ाई को और तेज करेंगे। अधिवक्ताओं का यह कदम भ्रष्टाचार और अन्याय के खिलाफ न्याय की आवाज उठाने का प्रतीक है। उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया है कि जब तक भ्रष्टाचार समाप्त नहीं होगा और उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, तब तक यह प्रदर्शन जारी रहेगा।
इस प्रदर्शन और हड़ताल से कलेक्ट्रेट के कामकाज में व्यापक प्रभाव पड़ने की संभावना है। स्थानीय जनता और अधिवक्ताओं की इस लड़ाई में कई और संगठन भी जुड़ सकते हैं, जिससे प्रशासन पर दबाव और बढ़ेगा।