उत्तर प्रदेश कैबिनेट की मंगलवार को हुई बैठक में राज्य की विभिन्न महत्वपूर्ण नीतियों और फैसलों पर मुहर लगी। इस बैठक में कुल 11 महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जिनमें राज्य कर्मचारियों के तबादले की नई नीति, पार्किंग व्यवस्था, बिजली आपूर्ति और पर्यटन से संबंधित अहम फैसले शामिल हैं। सबसे पहले, राज्य कर्मचारियों के तबादले की नई नीति को मंजूरी दी गई, जिसके तहत अब 15 मई से 15 जून के बीच सभी कर्मचारियों के तबादले किए जाएंगे। इस नई नीति का उद्देश्य तबादले की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित और पारदर्शी बनाना है, ताकि कर्मचारियों के स्थानांतरण में किसी प्रकार की अनावश्यक देरी न हो।
इसके अलावा, प्रदेश के नगर निगमों में एक समान पार्किंग नीति लागू करने का निर्णय लिया गया है। इस नीति के तहत, पार्किंग के स्थान और उनके संचालन के लिए पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल को अपनाया जाएगा। पहले चरण में 17 नगर निगमों में यह नीति लागू की जाएगी, और पार्किंग के लिए लाइसेंस पांच साल के लिए जारी किए जाएंगे। इस नई पार्किंग नीति से शहरों में पार्किंग की समस्या को हल करने में मदद मिलेगी, और नगर निगम द्वारा पार्किंग शुल्क तय किया जाएगा।
कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश स्टेट कैरिज बस अड्डा, कॉन्ट्रैक्ट कैरिज व ऑल इंडिया टूरिस्ट बस पार्क (स्थापना और विनियमन) नीति 2025 को भी मंजूरी दी। इस नीति का उद्देश्य प्रदेश के 75 जिलों में निजी बसों के संचालन को व्यवस्थित करना है। इसके तहत, प्राइवेट बसों के लिए नए बस अड्डों का निर्माण किया जाएगा, जिनमें यात्रियों और चालक-कर्मचारियों के लिए सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इस निर्णय से राज्य की यातायात व्यवस्था में सुधार होगा और यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
प्रदेश में बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए, सरकार ने 1600 मेगावाट की परियोजना से 1500 मेगावाट बिजली खरीदने का प्रस्ताव पारित किया है। यह बिजली अडानी पॉवर लिमिटेड से खरीदी जाएगी और प्रतिस्पर्धात्मक बिडिंग के आधार पर इसका मूल्य 5 रुपये 38 पैसे प्रति यूनिट तय किया गया है। इससे प्रदेश की बिजली आपूर्ति में सुधार होगा और 2958 करोड़ रुपये की बचत का अनुमान है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक नई पहल की घोषणा की है। उन्होंने लखीमपुर खीरी स्थित दुधवा टाइगर रिजर्व में दुधवा महोत्सव आयोजित करने का निर्णय लिया। यह महोत्सव प्रदेश का पहला आवासीय सांस्कृतिक और वन्यजीव महोत्सव होगा, जो नवंबर में आयोजित किया जाएगा। इस महोत्सव के माध्यम से प्रदेश की सांस्कृतिक विविधता और जैविक समृद्धि का उत्सव मनाया जाएगा, और पर्यटकों को जंगल के भीतर प्रकृति से जुड़ने का मौका मिलेगा। यह महोत्सव न केवल थारू संस्कृति को बढ़ावा देगा, बल्कि देश की जानी-मानी हस्तियों द्वारा प्रदर्शन भी किया जाएगा।
इस बैठक में हुए इन फैसलों से स्पष्ट है कि योगी सरकार प्रदेश के समग्र विकास के लिए निरंतर प्रयासरत है, चाहे वह कर्मचारियों के तबादले से संबंधित हो, पार्किंग व्यवस्था की समस्या हो, या राज्य की बिजली आपूर्ति और पर्यटन के क्षेत्र में सुधार हो। इन फैसलों से न सिर्फ प्रदेश की व्यवस्थाएं बेहतर होंगी, बल्कि उत्तर प्रदेश को एक नई दिशा भी मिलेगी।
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