भाजपा सांसद रामचंद्र जांगड़ा के विवादित बयान से किसान आंदोलन में बवाल, पंजाब के किसानों को नशेड़ी कहने पर इनेलो और किसान संगठनों की कड़ी निंदा।
भाजपा राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने पंजाब के किसानों को ‘नशेड़ी’ कहकर और उनके आंदोलन को लेकर विवादित बयान दिया, जिससे राजनीति में हलचल मच गई है। उन्होंने किसान आंदोलन के नाम पर ह्यूमन ट्रैफिकिंग का आरोप भी लगाया और कहा कि आंदोलन के दौरान टिकरी और सिंघु बॉर्डर पर बैठे किसान नशेड़ी हैं। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी दावा किया कि आंदोलन के दौरान 700 लड़कियां गायब हुई हैं। जांगड़ा के इस बयान से किसान संगठनों और विपक्षी दलों में तीखी प्रतिक्रिया आई है।
जांगड़ा का बयान और उसकी निंदा
रामचंद्र जांगड़ा ने 14 दिसंबर को महम में एक कार्यक्रम के दौरान यह विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा, "टिकरी और सिंघु बॉर्डर पर पंजाब के नशेड़ी एक साल से बैठे हैं। आंदोलन के पर्दे के पीछे कुछ गलत लोग ह्यूमन ट्रैफिकिंग कर रहे हैं और 700 लड़कियां गायब हो गईं।" उनके अनुसार, आंदोलन के नाम पर कुछ लोग चंदा उगाही कर रहे हैं और इस आंदोलन में कांग्रेस के एजेंट भी शामिल हैं। जांगड़ा ने यह भी आरोप लगाया कि किसान नेताओं जैसे राकेश टिकैत और गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कांग्रेस के लिए माहौल तैयार किया था।
इनेलो और किसान संगठनों का विरोध
जांगड़ा के बयान को लेकर इनेलो और किसान संगठनों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। इनेलो की महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष और हिसार जिला प्रभारी सुनैना चौटाला ने कहा कि जांगड़ा का बयान निंदनीय है और उन्हें किसानों से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा, "इनेलो पार्टी किसान आंदोलन के साथ खड़ी है और हम इसे पूरी तरह से समर्थन करते हैं। पार्टी के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने पहले ही किसान आंदोलन के पक्ष में पार्टी का स्टैंड स्पष्ट किया है।"
सुनैना चौटाला ने यह भी कहा कि अगर किसान चाहेंगे, तो उनकी पार्टी के दोनों विधायक इस्तीफा देने को तैयार हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि वे किसानों की मांगों को पूरा करें, खासकर एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की।
किसान संगठनों की चेतावनी
पंजाब किसान संघर्ष समिति के प्रमुख सरवन सिंह पंढेर ने भी जांगड़ा के बयान की निंदा की। उन्होंने कहा कि ऐसे बयान किसानों का अपमान करने वाले हैं और इससे केवल राजनीति की गरमा-गर्मी बढ़ेगी। किसान नेताओं ने चेतावनी दी कि ऐसे बयान आंदोलन को कमजोर करने के बजाय और भी मजबूत करेंगे।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और जांगड़ा का बचाव
जांगड़ा के बयान को लेकर भाजपा के अंदर भी प्रतिक्रियाएँ आईं, हालांकि पार्टी ने सार्वजनिक रूप से जांगड़ा का बचाव नहीं किया। वहीं, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने जांगड़ा के बयान को राजनीति की निचली गली कहकर उसकी आलोचना की।
यह घटनाक्रम दिल्ली और पंजाब के किसानों के बीच जारी आंदोलन को और भी गरमा सकता है, जिससे किसानों के मुद्दों पर राष्ट्रीय राजनीति में और भी विवाद उत्पन्न हो सकता है।