Saturday, January 18, 2025

महाराष्ट्र-झारखंड में चुनावी सख्ती का असर: 1000 करोड़ की नकदी, शराब और ड्रग्स जब्त

New Delhi , Latest Updated On - Nov 18 2024 | 20:44:00 PM

महाराष्ट्र और झारखंड चुनावों में प्रवर्तन एजेंसियों ने 1000 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी, शराब, ड्रग्स और उपहार जब्त किए। 2019 की तुलना में सात गुना अधिक जब्ती, चुनाव आयोग की सख्ती का असर।

नई दिल्ली: चुनावी माहौल में प्रलोभनों पर शिकंजा कसने के लिए इस बार चुनाव आयोग ने कड़े कदम उठाए हैं। नतीजा ये हुआ कि महाराष्ट्र और झारखंड में प्रवर्तन एजेंसियों ने 1000 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी, शराब, ड्रग्स और मुफ्त उपहार जब्त किए। ये आंकड़ा पिछले चुनावों की तुलना में चौंकाने वाला है।

2019 की तुलना में सात गुना ज्यादा जब्ती
महाराष्ट्र और झारखंड में कुल 858 करोड़ रुपये की जब्ती हुई है। 2019 के विधानसभा चुनाव में ये आंकड़ा सिर्फ 122.37 करोड़ रुपये था। इस बार जब्त की गई राशि सात गुना ज्यादा है।

महाराष्ट्र में: पालघर जिले में 3.70 करोड़ की नकदी, बुलढाणा में 4500 किलोग्राम गांजा और रायगढ़ में 5.20 करोड़ की चांदी जब्त की गई।

झारखंड में: साहिबगंज में 2.26 करोड़ रुपये की अवैध खनन सामग्री, डाल्टनगंज में 687 किलोग्राम पोस्ता भूसा और हजारीबाग में 48.18 किलोग्राम गांजा जब्त हुआ।

प्रलोभनों पर सख्त निगरानी के निर्देश
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने प्रवर्तन एजेंसियों और केंद्रीय पर्यवेक्षकों को निर्देश दिए हैं कि धनबल और प्रलोभनों पर कड़ी निगरानी रखी जाए। उन्होंने खासतौर पर पड़ोसी राज्यों से आने वाली अवैध सामग्रियों पर नजर रखने का आदेश दिया।
राजस्थान में भी सख्ती का असर
राजस्थान के नागौर जिले में 449 शराब के कार्टून पकड़े गए, जिन्हें आलू की बोरियों के पीछे छिपाकर ले जाया जा रहा था।
चुनाव की तारीखें और मतदान की तैयारी
महाराष्ट्र में 20 नवंबर को सभी 288 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा। झारखंड में पहले चरण का मतदान 13 नवंबर को हुआ और बाकी सीटों के लिए वोटिंग 20 नवंबर को होगी। नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
क्या कहता है ये आंकड़ा?
इस बढ़ी हुई जब्ती का मतलब साफ है—चुनाव आयोग की सख्ती और बेहतर निगरानी से प्रलोभनों के जरिए मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिशों पर लगाम लगाई जा रही है। यह चुनावी प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
निष्कर्ष:
चुनाव आयोग की मुस्तैदी और प्रवर्तन एजेंसियों की सख्ती से इस बार चुनावी प्रक्रिया में बड़ा सुधार देखने को मिला है। यह देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को स्वच्छ और निष्पक्ष बनाने की ओर एक सकारात्मक संकेत है।


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COMMENTS
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