Saturday, January 18, 2025

बिहार में पुल गिरने की पुरानी घटनाओं को हाल का बताकर फैलाया जा रहा है भ्रम, फैक्ट चेक से खुलासा

New Delhi , Latest Updated On - Nov 25 2024 | 18:00:00 PM

सोशल मीडिया पर बिहार में पुल गिरने की पुरानी घटनाओं को हाल का बताकर फैलाए जा रहे भ्रामक दावों की जांच में खुलासा, पुराने हादसों को ताजा बताकर किया जा रहा है भ्रम। फैक्ट चेक रिपोर्ट पढ़ें।

सोशल मीडिया पर इन दिनों एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि बिहार के बेगूसराय जिले में 14 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा एक पुल उद्घाटन से पहले ही गिर गया। हालांकि, फैक्ट चेक डेस्क की पड़ताल से पता चला है कि यह घटना दो साल पुरानी है, और इसे हाल की घटना के रूप में पेश किया जा रहा है।

यह घटना दरअसल दिसंबर 2022 की है, जब बेगूसराय में गंडक नदी पर एक पुल का निर्माण चल रहा था। उद्घाटन से पहले ही यह पुल ढह गया था, जिससे एक बड़ा हादसा हुआ। इस दुर्घटना की रिपोर्ट स्थानीय मीडिया में छपी थी, लेकिन अब इसे सोशल मीडिया पर फिर से ताजा घटना के तौर पर शेयर किया जा रहा है, जो पूरी तरह से भ्रामक है।

इसके अलावा, सोशल मीडिया पर बिहार के सुपौल और खगड़िया जिलों में पुल गिरने की पुरानी घटनाओं को भी हाल ही में हुए हादसों के रूप में पेश किया जा रहा है। जैसे कि सुपौल में 1200 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे बकौर पुल का एक हिस्सा ढहने की घटना, जो मार्च 2024 में हुई थी। इसी तरह, खगड़िया-अगुवानी-सुल्तानगंज के बीच 1700 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे पुल का एक हिस्सा ढहने की घटना जून 2023 की है।

पीटीआई के फैक्ट चेक डेस्क ने इन घटनाओं की जांच की और पाया कि ये सभी घटनाएं पुरानी हैं, जिन्हें फिर से सोशल मीडिया पर ताजा घटनाओं के रूप में फैलाया जा रहा है। सोशल मीडिया पर ऐसे भ्रामक दावे और तस्वीरों का साझा होना चिंता का विषय है, क्योंकि इससे लोगों के बीच गलत जानकारी फैल रही है।

पुलों के गिरने की घटनाएँ: एक बड़ा सवाल
हालांकि बिहार में पिछले कुछ सालों में पुलों के गिरने की घटनाएँ बढ़ी हैं, लेकिन इन घटनाओं को गलत तरीके से ताजा और सनसनीखेज बनाकर पेश करना पूरी तरह से गलत है। फैक्ट चेक की टीम ने खुलासा किया कि हाल के कुछ सालों में 21 पुलों के गिरने की घटनाएँ दर्ज की गई हैं, जिनमें से अधिकांश छोटे और पुराने पुल थे।

इससे साफ है कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरें और दावे न केवल भ्रामक हैं, बल्कि इससे गलत सूचना फैल रही है, जिसे जल्द से जल्द सही किया जाना चाहिए।

निष्कर्ष:
अगर आप भी सोशल मीडिया पर ऐसी तस्वीरें और दावे देखते हैं, तो इसे तुरंत विश्वास में न लें। किसी भी खबर की सच्चाई जानने के लिए फैक्ट चेक करना बेहद जरूरी है, ताकि आप भी गलत सूचना का शिकार न बनें।

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COMMENTS
All Comments (11)
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