बिहार सरकार 21,000 से अधिक नर्सों और एएनएम की भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू करने जा रही है, जिससे अस्पतालों में नर्सिंग सेवाओं में सुधार होगा। साथ ही, नर्सिंग पंजीकरण को ऑनलाइन कर पारदर्शिता बढ़ाई जाएगी।
बिहार के युवाओं के लिए एक शानदार अवसर सामने आया है। अस्पतालों में नर्सिंग सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार 21,000 से अधिक नर्सों और एएनएम (आगनबाड़ी नर्स मिडवाइफ) की भर्ती प्रक्रिया शुरू करने जा रही है। यह प्रक्रिया बहुत जल्द शुरू होने वाली है, और इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है।
सभी को यह जानकर खुशी होगी कि स्वास्थ्य विभाग की नर्सिंग सेवा नियमावली को अब कैबिनेट से मंजूरी मिलने की उम्मीद है, जिससे नियुक्ति का रास्ता साफ हो जाएगा। विभाग ने नर्स और एएनएम के 6298 और 15089 पदों के लिए रिक्तियां निकाली हैं, और दिसंबर तक राज्य तकनीकी सेवा आयोग को अधियाचना भेज दी जाएगी। इस भर्ती में चयन लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के आधार पर किया जाएगा।
इतना ही नहीं, विभाग 15 दिन के भीतर नर्स-एएनएम नियुक्ति के लिए रोस्टर क्लियरेंस देने की योजना बना रहा है, और नियुक्ति प्रक्रिया जल्दी ही शुरू हो जाएगी। इसके साथ ही अस्पतालों में शल्यकक्ष सहायक के 1326 पदों पर नियुक्ति का रास्ता भी साफ हो गया है। इस भर्ती प्रक्रिया में शल्यकक्ष सहायक की लिखित परीक्षा और अनुभव के आधार पर चयन होगा।
नर्सिंग सेवा में डिजिटल बदलाव
स्वास्थ्य विभाग ने नर्सिंग सेवाओं को पारदर्शी और त्वरित बनाने के लिए एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। बिहार नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल (BNRC) अब ऑनलाइन कार्य करेगी, जिससे नर्सों को पंजीकरण के लिए भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगी। नर्सिंग की डिग्री प्राप्त करने वालों के लिए पंजीकरण ऑनलाइन होगा, और उनकी समस्याओं का समाधान भी डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से किया जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि अब नर्सिंग की डिग्री हासिल करने वाली नर्सों को किसी भी समस्या के लिए कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। वे घर बैठे ऑनलाइन आवेदन कर पंजीकरण करा सकेंगी। इस बदलाव से बिहार की नर्सों के लिए नए अवसर खुलेंगे और उन्हें अब विदेशों में भी रोजगार मिल सकेगा।
नर्सिंग संस्थानों की रैंकिंग और क्षमता में वृद्धि
स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के सभी 383 नर्सिंग संस्थानों की रैंकिंग का भी निर्णय लिया है। इसके साथ ही, बिहार में नर्सिंग शिक्षा की गुणवत्ता और संस्थानों की मान्यता में सुधार किया जाएगा। फिलहाल, राज्य में 382 सरकारी और निजी नर्सिंग कॉलेज हैं, जो हर साल 28,000 नर्सों को सेवा देने के लिए तैयार करते हैं, लेकिन राज्य की 13 करोड़ की आबादी के हिसाब से यह संख्या बहुत कम है। विभाग इस संख्या को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है।
अब बिहार के युवाओं के पास नर्सिंग के क्षेत्र में अपना करियर बनाने का एक बेहतरीन अवसर है, और राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।