पटना: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) द्वारा आयोजित 13 दिसंबर की परीक्षा में कथित प्रश्नपत्र लीक को लेकर जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर ने 2 जनवरी को गांधी मैदान में आमरण अनशन शुरू किया था। उनका यह विरोध आंदोलन जल्द ही तूल पकड़ने लगा, और पुलिस को कड़ी कार्रवाई करनी पड़ी। 6 जनवरी को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन अदालत ने उन्हें जमानत दे दी।
हालांकि, जमानत मिलने के बाद भी एक बड़ा सवाल उठता है: क्या प्रशांत किशोर बेल बॉन्ड भरेंगे या अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे? अदालत ने उन्हें शर्तों के साथ जमानत दी थी, जिसमें एक शर्त यह भी थी कि वे भविष्य में ऐसे विरोध प्रदर्शनों में हिस्सा नहीं ले सकते जो क़ानून व्यवस्था को चुनौती दें। लेकिन प्रशांत किशोर ने बेल बॉन्ड भरने से इंकार कर दिया है, उनका कहना है कि यह उनका मौलिक अधिकार है और वह विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे।
इस बीच, प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी और उनके समर्थकों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। बीपीएससी के प्रश्नपत्र लीक मामले में आंदोलनकारी अभ्यर्थियों के लिए जन सुराज पार्टी के नेता ने अपना समर्थन दिया था, और अब यह देखा जा रहा है कि इस विवाद में अगला कदम क्या होगा। क्या प्रशांत किशोर जेल जाएंगे या फिर अपनी जमानत शर्तों के साथ बाहर आएंगे?
बीपीएससी परीक्षा के बहिष्कार और आंदोलन की यह गाथा अब राजनीतिक तूफान का रूप ले चुकी है, और प्रशांत किशोर का अगला कदम चुनावी मौसम में बिहार की राजनीति को एक नई दिशा दे सकता है।