बीजापुर के युवा पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या ने पूरे बस्तर जिले को हिला कर रख दिया है। पत्रकारों के गुस्से का विस्फोट सामने आया जब स्थानीय पत्रकारों ने उनके शहीद होने की मांग करते हुए नेशनल हाइवे पर चक्काजाम कर दिया। यह विरोध प्रदर्शन उस वक्त और तेज हुआ जब बीजापुर पुलिस ने हत्या में शामिल मुख्य आरोपी के भाई रितेश चंद्राकर को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया।
गुस्साए पत्रकार अब आरोपी ठेकेदार सुरेश चंद्राकर और उनके साथियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उनकी मांगों में प्रमुख यह है कि आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला सख्त धाराओं के तहत चलाया जाए, साथ ही उन सभी की अवैध संपत्तियां जब्त की जाएं। पत्रकारों का कहना है कि जब तक उनके सभी मुद्दे हल नहीं होते, वे विरोध जारी रखेंगे।
राहों पर बिछी लंबी कतारें और पुलिस बल की तैनाती ने स्थिति को और गंभीर बना दिया। पत्रकारों ने फांसी की सजा की मांग के साथ-साथ सुरेश चंद्राकर के सभी बैंक खाते, दस्तावेज और संपत्तियों को सील करने का भी आग्रह किया। अगर प्रशासन उनकी मांगों को नजरअंदाज करता है तो उन्होंने 5 जनवरी से अनिश्चितकालीन चक्काजाम का ऐलान किया है।
बीजापुर पुलिस ने कहा कि इस हत्या के मामले में और भी आरोपी शामिल हैं, जिनकी गिरफ्तारी के लिए प्रयास जारी हैं। यह घटनाक्रम बीजापुर और बस्तर क्षेत्र में एक नई राजनीतिक और सामाजिक हलचल पैदा कर चुका है।
आखिरकार, पत्रकारों की एकजुटता और उनके द्वारा किए गए विरोध ने पूरे मामले को एक नई दिशा में मोड़ दिया है। क्या प्रशासन उनके दबाव में आकर आरोपी ठेकेदार और उसके साथियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा? समय बताएगा।