जम्मू-कश्मीर में 500 नए पंचायत घरों के निर्माण की मंजूरी, ग्रामीण विकास को मिलेगी रफ्तार। पुराने पंचायत घरों की मरम्मत और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार पर भी जोर।
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के ग्रामीण इलाकों के लिए बड़ी खुशखबरी है। केंद्र शासित प्रदेश में 500 नए पंचायत घरों के निर्माण की मंजूरी दी गई है। यह कदम पंचायत राज संस्थानों को मजबूत करने और ग्रामीण विकास को गति देने के उद्देश्य से उठाया गया है। इस बात की जानकारी ग्रामीण विकास और पंचायत राज विभाग के सचिव मोहम्मद एजाज असद ने दी।
ग्रामीण विकास को नई दिशा
मोहम्मद एजाज असद ने बताया कि पंचायत राज संस्थानों को सशक्त और प्रभावी बनाने के लिए सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार की योजनाओं का लाभ हर पात्र नागरिक तक पहुंचाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। पंचायत घरों के निर्माण से न केवल बुनियादी ढांचा बेहतर होगा, बल्कि विकास कार्यों की निगरानी और योजनाओं के क्रियान्वयन में भी तेजी आएगी।
पुराने पंचायत घरों की होगी मरम्मत
प्रदेश में पुराने और जर्जर पंचायत घरों का ऑडिट कराया गया है। सचिव ने बताया कि जिन पंचायत घरों की हालत खराब है, उनकी मरम्मत कर उन्हें पुनः उपयोगी बनाया जाएगा। इससे पंचायत स्तर पर कामकाज सुचारू होगा और स्थानीय लोगों को अधिक सुविधाएं मिलेंगी।
स्वच्छता पर जोर
सचिव ने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता सुविधाओं की स्थिति पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर उन चुनिंदा राज्यों में है, जहां घर-घर से कचरा संग्रहण शुरू किया गया है। हालांकि, इस दिशा में अभी भी कई सुधार की जरूरत है, जिसके लिए योजनाएं बनाई जा रही हैं।
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के निर्देश
दूरदराज के इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने विशेष रोडमैप तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में डॉक्टरों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए उन्हें नॉन-प्रैक्टिसिंग भत्ते समेत अन्य सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। युवा डॉक्टरों को भी इन इलाकों में सेवा देने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
ओं के समाधान पर फोकस
डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे ब्लॉकों की पहचान कर उनके समाधान के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। मुख्य सचिव ने संबंधित अधिकारियों को इस दिशा में तेजी से काम करने के निर्देश दिए हैं।
500 नए पंचायत घरों के निर्माण का यह कदम ग्रामीण विकास में एक मील का पत्थर साबित होगा और स्थानीय प्रशासन को मजबूत बनाने में मदद करेगा।