नोएडा प्राधिकरण के लिए किसानों की नई मांगें चुनौती बन गई हैं। 20% विकसित भूखंड और चार गुना मुआवजे की मांग, भूमि अधिग्रहण कानून के तहत किसानों को मिलने वाली सुविधाएं, और अतिक्रमण के कारण भूमि वितरण की समस्या पर विस्तृत रिपोर्ट।
नोएडा: किसानों का आंदोलन नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण के लिए गंभीर चुनौती बन गया है। संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से उठाई गई तीन प्रमुख मांगें नोएडा प्राधिकरण के लिए एक बड़ी मुश्किल साबित हो रही हैं। किसान अपनी भूमि अधिग्रहण से संबंधित मांगों को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं, और अब उनका ताजा फरमान है कि उन्हें 20% विकसित भूखंड और चार गुना मुआवजा चाहिए। प्राधिकरण के लिए इन मांगों को पूरा करना एक कठिन परीक्षा बन चुका है।
किसानों की नई मांगें और पुरानी अनदेखी
किसानों ने 1997 से अब तक अधिगृहीत की गई भूमि के बदले अतिरिक्त 10% विकसित भूखंड और 64.7% अतिरिक्त मुआवजा देने की मांग की है। इसके अलावा, नया भूमि अधिग्रहण कानून लागू करने की बात की जा रही है, जिसके तहत किसानों को चार गुना मुआवजा देने और 20% विकसित भूखंड दिए जाने की बात की जा रही है।
नोएडा प्राधिकरण की स्थिति
1997 से लेकर अब तक नोएडा प्राधिकरण ने 16,500 किसानों को 5% विकसित भूखंड देने का वादा किया था, लेकिन अभी तक 6070 किसानों को यह भूखंड नहीं मिल पाया है। इन भूखंडों का वितरण रोकने के पीछे अतिक्रमण को कारण बताया गया है। हालांकि, उच्चाधिकार समिति की रिपोर्ट में यह निर्देश दिया गया है कि नोएडा प्राधिकरण को इन भूखंडों को दो महीने के भीतर किसानों को सौंपना चाहिए।
अतिक्रमण और भूमि की कमी की समस्या
नोएडा प्राधिकरण ने दावा किया कि कुछ भूमियों पर अतिक्रमण के कारण इन्हें किसानों को नहीं सौंपा जा सका है। जबकि, उच्चाधिकार समिति ने यह स्पष्ट किया कि अतिक्रमण हटाने के बाद इन भूखंडों का आवंटन तुरंत किया जाए। पिछले महीने, दीपावली से ठीक पहले नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डॉ. लोकेश एम ने 57 किसानों को 5% विकसित भूखंड का आवंटन पत्र सौंपा, लेकिन अभी भी बाकी किसानों के लिए पर्याप्त भूमि का मिलना एक बड़ी चुनौती है।
नई मांगों से तनाव बढ़ा
संयुक्त किसान मोर्चा की नई मांगों के चलते तीनों प्राधिकरणों की नींद उड़ चुकी है। यदि भूमि अधिग्रहण के दौरान चार गुना मुआवजा देना पड़ा और 20% विकसित भूखंड भी देना पड़ा, तो यह प्राधिकरणों के लिए एक वित्तीय संकट का रूप ले सकता है। साथ ही, 2015 में बोर्ड बैठक में पास किए गए प्रस्ताव के अनुसार, किसानों को 10% अतिरिक्त भूखंड देने का वादा किया गया था, जिसे पूरा करना भी अभी तक पूरी तरह से संभव नहीं हो पाया है।
नोएडा प्राधिकरण के सामने कठिन स्थिति
किसान प्रतिनिधियों के सामने पिछले सप्ताह 13 किसानों को अतिरिक्त मुआवजा राशि का चेक सौंपा गया, लेकिन प्राधिकरण अधिकारियों का कहना है कि वर्तमान में 23,000 से अधिक किसानों को 10% अतिरिक्त भूखंड देना संभव नहीं है। ऐसे में, किसानों द्वारा उठाई गई नई मांगें, जिनमें चार गुना मुआवजा और 20% विकसित भूखंड की बात की जा रही है, नोएडा प्राधिकरण के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर उभरी हैं।