Saturday, January 18, 2025

स्विट्जरलैंड में बुर्के पर प्रतिबंध: चेहरा ढकने की वजह से उभरता विवाद, जानें क्या है इसकी वजह और किसे होगा नुकसान

स्विट्जरलैंड में 1 जनवरी 2025 से चेहरा ढकने पर पाबंदी, जानें इस फैसले के पीछे की वजह और किसे होगा इसका असर

Bahrampur , Latest Updated On - Jan 02 2025 | 12:30:00 PM

स्विट्जरलैंड ने 1 जनवरी 2025 से सार्वजनिक स्थानों पर चेहरा ढकने, जैसे बुर्का और नकाब, पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस फैसले का उद्देश्य सार्वजनिक सुरक्षा को बढ़ाना है, लेकिन इससे मुस्लिम महिलाओं और उनके धार्मिक अधिकारों पर सवाल उठ रहे हैं। जुर्माने के रूप में 1000 स्विस फ्रैंक्स तक का दंड होगा।

स्विट्जरलैंड ने 1 जनवरी 2025 से एक अहम कदम उठाया है, जिसमें सार्वजनिक स्थानों पर चेहरा ढकने पर प्रतिबंध लागू किया गया है। अब से, बुर्का, नकाब या किसी भी प्रकार के चेहरे को ढकने वाले वस्त्र पहनने पर 1000 स्विस फ्रैंक्स का जुर्माना लगाया जा सकता है। यह कदम स्विट्जरलैंड में सार्वजनिक सुरक्षा और एकता को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है, लेकिन इसके पीछे छिपे विवाद और प्रतिक्रियाएँ अभी भी जोर पकड़ रही हैं।

स्विट्जरलैंड में चेहरा ढकने पर प्रतिबंध क्यों?

स्विट्जरलैंड में 2021 में हुए जनमत संग्रह में जनता ने सार्वजनिक स्थलों पर चेहरा ढकने पर पाबंदी लगाने के पक्ष में वोट किया। इस जनमत संग्रह में 51.21% मतदाताओं ने चेहरा ढकने पर रोक लगाने का समर्थन किया, जबकि 48.8% ने इसके खिलाफ अपनी राय दी। यह निर्णय एक दक्षिणपंथी राजनीतिक पार्टी स्विस पीपुल्स पार्टी (SVP) द्वारा प्रस्तावित किया गया था, जिसने इसे "कट्टरवाद रोकने" के रूप में प्रस्तुत किया था। हालांकि, इसका नाम सीधे तौर पर इस्लाम से नहीं जोड़ा गया था, लेकिन इसे मुस्लिम महिलाओं द्वारा पहने जाने वाले बुर्के से जोड़कर देखा जा रहा था।

स्विट्जरलैंड में मुस्लिम समुदाय पर प्रभाव

स्विट्जरलैंड में मुस्लिम समुदाय की संख्या केवल 5% है, और उनमें से बहुत कम महिलाएँ बुर्का या नकाब पहनती हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ ल्यूसर्न के 2021 के एक अध्ययन के मुताबिक, केवल 30 महिलाएँ इस तरह के चेहरे ढकने वाले कपड़े पहनती हैं। हालांकि, यह नया कानून मुस्लिम महिलाओं के लिए एक बड़ा बदलाव होगा, खासकर उन महिलाओं के लिए जो सार्वजनिक रूप से चेहरा ढकने की परंपरा का पालन करती हैं।

कानून के तहत क्या-क्या प्रतिबंधित होगा?

इस कानून के तहत सार्वजनिक स्थलों पर नाक, मुंह और आंखों को ढकने वाली चीजों पर पाबंदी होगी। यह नियम केवल सार्वजनिक स्थानों तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि उन निजी स्थानों पर भी लागू होगा, जो आम जनता के लिए खुले होते हैं। हालांकि, कुछ छूट भी दी गई हैं, जैसे कि विमानों और राजनयिक परिसरों में चेहरा ढकने की छूट मिलेगी। इसके अलावा, धार्मिक स्थलों पर भी चेहरा ढकने की अनुमति होगी, अगर यह धार्मिक मान्यताओं के तहत हो।

दुनियाभर में कहां लागू है बुर्के पर प्रतिबंध?

स्विट्जरलैंड में यह कदम कोई नया नहीं है, क्योंकि दुनिया के कई देशों में पहले से ही चेहरा ढकने पर पाबंदी लागू है। यूरोप के देशों में, जैसे फ्रांस (2011), डेनमार्क (2018), और ऑस्ट्रिया (2017) ने पहले ही सार्वजनिक स्थानों पर चेहरा ढकने पर प्रतिबंध लगा रखा है। अफ्रीका में भी कई देशों ने इस प्रतिबंध को लागू किया है, जैसे कि चैड और अल्जीरिया, और एशिया में श्रीलंका और चीन में भी सार्वजनिक स्थानों पर चेहरा ढकने पर पाबंदी है।

स्विट्जरलैंड की जनता का क्या कहना है?

स्विट्जरलैंड के 86 लाख नागरिकों में से लगभग 5% मुस्लिम हैं, और उनके लिए यह प्रतिबंध एक नया सामाजिक बदलाव लेकर आएगा। स्विट्जरलैंड में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत यह निर्णय लिया गया, लेकिन इसके बावजूद इसे महिला अधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन के रूप में देखा जा रहा है। मानवाधिकार संगठनों जैसे एम्नेस्टी इंटरनेशनल ने इसे महिलाओं के अधिकारों पर एक गंभीर हमला बताया है।

स्विट्जरलैंड में यह नया प्रतिबंध कैसे सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रियाओं को जन्म देता है, यह देखना अब दिलचस्प होगा। क्या यह कदम वास्तविक सुरक्षा के लिए है, या फिर यह धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता को नियंत्रित करने की कोशिश है? यह सवाल अभी भी बाकी है।

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COMMENTS
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