तिब्बत के शिजांग शहर के डिंगरी काउंटी में 6.8 तीव्रता के भूकंप ने 53 लोगों की जान ले ली और 62 से अधिक लोग घायल हो गए। भूकंप के झटके भारत के बिहार, असम, सिक्किम और पश्चिम बंगाल तक महसूस किए गए। तिब्बत में सुबह से लगातार झटके आ रहे थे, जिससे इलाके में भारी तबाही मची।
तिब्बत के शिजांग शहर के डिंगरी काउंटी में मंगलवार सुबह अचानक एक भयानक भूकंप ने क्षेत्र को हिलाकर रख दिया। 6.8 तीव्रता वाले इस भूकंप ने अब तक 53 लोगों की जान ले ली और 62 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। इस संकट के समय, लोग डर और अफरा-तफरी में अपने घरों से बाहर निकलकर खुले स्थानों की ओर भागे। लेकिन ये आपदा सिर्फ तिब्बत तक सीमित नहीं रही। भूकंप के झटके भारत के कई हिस्सों तक महसूस किए गए, खासकर बिहार, असम, सिक्किम और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में।
क्या था भूकंप का कारण?
यह भूकंप, जो तिब्बत की धरती को थर्राहट में डालने वाला था, 10 किलोमीटर की गहराई में 28.5 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 87.45 डिग्री पूर्वी देशांतर में केंद्रित था। चीन भूकंप नेटवर्क केंद्र (CENC) के अनुसार, यह जबरदस्त झटका 9:05 बजे आया, जिससे इलाके में तबाही मच गई। हालांकि, इससे पहले भी तिब्बत में सुबह से ही भूकंप के झटके महसूस हो रहे थे। सुबह 6:30 बजे 7.1 तीव्रता के साथ पहला झटका आया, इसके बाद के समय में 4.7, 4.9 और फिर 5 तीव्रता के झटके महसूस हुए।
भारत में महसूस हुए झटके
इस विनाशकारी भूकंप के झटके भारत के भी कई हिस्सों में महसूस किए गए, और सबसे ज्यादा असर बिहार में पड़ा। इसके अलावा असम, सिक्किम और पश्चिम बंगाल के कुछ इलाकों में भी भूकंप के हल्के से लेकर तेज झटके आए। लोग अपने घरों से बाहर निकलकर खुले स्थानों की ओर भागे, डर से कांपते हुए।
भूकंप क्यों आते हैं?
भूकंप पृथ्वी की आंतरिक प्लेटों की गति और टकराहट के कारण आते हैं। धरती के अंदर सात प्लेटें लगातार घूम रही हैं और जब ये प्लेटें एक दूसरे से टकराती हैं, तो ये ज़ोन फॉल्ट लाइन कहलाती है। इन प्लेटों के बीच दबाव बनने पर ऊर्जा बाहर निकलने का रास्ता खोजती है और यही ऊर्जा जब अचानक रिलीज होती है तो भूकंप आता है।
क्या है भूकंप के केंद्र और तीव्रता का मतलब?
भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जहां भूगर्भीय हलचल से ऊर्जा बाहर निकलती है, और यहां से कंपन की शुरुआत होती है। इसके बाद, कंपन की आवृत्ति जैसे-जैसे दूर जाती है, उसका असर भी कम होता जाता है। फिर भी, अगर रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 7 या उससे अधिक है, तो इसका असर 40 किमी के दायरे में तेज़ होता है।
तिब्बत में इस भीषण आपदा ने न केवल स्थानीय लोगों की ज़िंदगी को प्रभावित किया, बल्कि पूरी दुनिया को एक बार फिर से इस तथ्य का एहसास दिलाया कि पृथ्वी की शक्तियां कितनी अप्रत्याशित और विनाशकारी हो सकती हैं।