केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है, जो उनकी वेतन वृद्धि और भत्तों में बदलाव का मार्ग खोल सकती है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आखिरकार 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है, जिससे कर्मचारियों के वेतनमान में संशोधन की प्रक्रिया तेज हो सकती है। यह निर्णय उस वक्त आया है जब कर्मचारी संगठन पिछले दो सालों से वेतन आयोग के गठन की मांग कर रहे थे।
इस बार एक सवाल उठा है – क्या मोदी सरकार इस बार वेतन आयोग को लेकर नया रिकॉर्ड बना सकती है? पिछले वेतन आयोगों की तुलना में इस बार वक्त बहुत कम लगेगा। आमतौर पर आयोग को अपनी रिपोर्ट तैयार करने में दो से ढाई साल का समय लगता था, लेकिन इस बार सरकार ने इसे मात्र एक साल में पूरा करने की योजना बनाई है।
वेतन आयोग की रिपोर्ट पहली जनवरी 2026 से लागू होनी है, यानी कर्मचारियों का वेतनमान जल्द ही संशोधित होगा। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या सरकार 8वें वेतन आयोग की प्रक्रिया को इतना जल्दी पूरा कर पाएगी? केंद्रीय कर्मचारियों के लिए यह निर्णय कितनी जल्दी फायदेमंद साबित होगा, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि आयोग की सिफारिशों को लागू करने में कितना समय लगता है।
कर्मचारी संगठनों ने इस घोषणा का स्वागत किया है, लेकिन कई सवाल भी उठाए हैं। एसबी यादव, कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लाइज एंड वर्कर्स के महासचिव, ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर वेतन आयोग के गठन में कोई भी देरी न करने का आग्रह किया था। उनका कहना है कि मुद्रास्फीति की बढ़ती दर के मद्देनजर, वेतन संशोधन हर पांच साल में होना चाहिए, न कि दस साल बाद।
इस बार आयोग को रिपोर्ट तैयार करने के लिए विदेशों में अध्ययन यात्रा की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सभी देशों के वेतनमान और आर्थिक स्थिति की जानकारी उपलब्ध है। इससे उम्मीद जताई जा रही है कि आयोग की रिपोर्ट जल्दी तैयार हो सकती है।
क्या मोदी सरकार इस बार एक नया रिकॉर्ड बनाएगी और केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन संशोधन की प्रक्रिया को तेज करेगी? यह सवाल अब सबके ज़हन में है।
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