कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या के मामले में सियालदाह कोर्ट शनिवार को अपना फैसला सुनाएगी। कोर्ट के फैसले से एक दिन पहले, पीड़ित डॉक्टर के माता-पिता ने आरोप लगाया कि मामले की जांच अधूरी है और अपराध में शामिल अन्य लोग अब भी खुलेआम घूम रहे हैं। पीड़िता के माता-पिता ने कहा कि वे तब तक लड़ाई जारी रखेंगे, जब तक उनकी बेटी को न्याय नहीं मिल जाता।
पुलिस ने मामले में संजय रॉय नाम के एक नागरिक स्वयंसेवक को गिरफ्तार किया था, लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के बाद जांच सीबीआई को सौंप दी गई। सीबीआई ने आरोपी संजय रॉय के लिए मौत की सजा की मांग की थी। सियालदाह कोर्ट के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने इस मामले में 9 जनवरी को सुनवाई पूरी की थी और शनिवार को फैसला सुनाया जाएगा।
पीड़ित डॉक्टर की मां ने कहा कि वे संजय रॉय को दोषी मानती हैं, लेकिन उन्होंने सवाल उठाया कि अन्य अपराधी कहां हैं जिनको अब तक पकड़ा नहीं गया। वे कहती हैं कि अपराध स्थल पर मौजूद लोगों को दंडित किया जाना चाहिए और इस पूरे मामले की जांच अधूरी है।
डॉक्टर के पिता ने भी जांच को अधूरी बताते हुए कहा कि उन्हें लगता है कि संजय रॉय अकेला नहीं था, बल्कि अन्य लोग भी इस अपराध में शामिल थे और वे अभी भी आजाद हैं। उन्होंने न्यायपालिका पर विश्वास जताया और शनिवार को अदालत में मौजूद रहने की इच्छा जताई।
पूरा देश इस मामले को लेकर गुस्से में था और पीड़िता के माता-पिता ने आरोपियों के खिलाफ और विस्तृत जांच की मांग की है। इस मामले में सीबीआई ने संजय रॉय के लिए मौत की सजा की सिफारिश की है और यह अनुमान है कि अदालत उसे मौत या आजीवन कारावास की सजा दे सकती है।
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