शिकायत से छापे तक: खुला बुजुर्गों के शोषण का कड़वा सच
नोएडा में मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की माननीय सदस्य डॉ. मीनाक्षी भराला ने सेक्टर-55 स्थित आनंद निकेतन वृद्ध सेवा आश्रम का औचक निरीक्षण किया और जो देखा, वह चौंकाने वाला था।

क्या-क्या पाया गया निरीक्षण में?
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आश्रम पूरी तरह अवैध निकला, शासन या प्रशासन से कोई अनुमति नहीं।
बुजुर्गों से 2.5 लाख रुपये डोनेशन, ₹20,000 सिक्योरिटी और हर महीने ₹10,000-₹12,000 वसूले जाते हैं।
बुजुर्गों के पास कपड़े नहीं, कोई स्वास्थ्य सुविधा नहीं, बीमार होने पर इलाज तक नहीं होता।
विरोध करने पर गाली-गलौज, बदसलूकी और दुर्व्यवहार किया जाता है।
डॉ. भराला ने बताया कि आश्रम में 42 बुजुर्ग रह रहे थे, जिनमें से 3 को 27 जून को समाज कल्याण विभाग के आश्रय गृह में स्थानांतरित किया जाएगा, शेष को 5 दिनों के भीतर अधिकृत वृद्धाश्रमों में शिफ्ट कर दिया जाएगा।

अब आगे क्या?
डॉ. मीनाक्षी भराला ने एलान किया कि जैसे ही सभी वृद्धजन सुरक्षित स्थानों पर पहुंचेंगे, इस अवैध आश्रम को प्रशासन की मदद से सील कर दिया जाएगा।
कौन-कौन रहा मौजूद?
निरीक्षण के समय कई जिम्मेदार अधिकारी मौके पर मौजूद रहे:
एसीपी मनीषा
महिला थाना अध्यक्ष संदीपा चौधरी
जिला समाज कल्याण विभाग अधिकारी
जिला प्रोबेशन विभाग की टीम

महिला आयोग का संदेश:
“जो लोग बुजुर्गों की मजबूरी को पैसा बनाने का जरिया बना रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई तय है। बुजुर्गों की गरिमा के साथ कोई समझौता नहीं होगा।”
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