गौतम बुद्ध नगर | 30 जून 2025
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने हेतु चलाई जा रही उत्तर प्रदेश कृषि निर्यात नीति-2019 के तहत गौतमबुद्ध नगर जनपद में निर्यात क्लस्टर निर्माण की प्रक्रिया को तेज कर दिया गया है। इसी क्रम में जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा के निर्देश पर आज मुख्य विकास अधिकारी विद्यानाथ शुक्ल की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित की गई। बैठक का उद्देश्य कृषि निर्यात नीति के अंतर्गत प्रस्तावित क्लस्टर निर्माण की समीक्षा करना तथा स्थानीय कृषि उत्पादों, विशेषकर बासमती धान, के निर्यात को सशक्त बनाना था।
बासमती धान पर विशेष फोकस, क्लस्टर गठन को मिली मंजूरी
बैठक में सबसे महत्वपूर्ण प्रस्ताव गौतमबुद्धा ऑर्गेनिक फार्मिंग प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड द्वारा प्रस्तुत किया गया, जिसमें बासमती धान के निर्यात-उन्मुख क्लस्टर के गठन की बात की गई थी। इस प्रस्ताव को मुख्य विकास अधिकारी द्वारा स्वीकृति दे दी गई है। यह क्लस्टर केआरबीएल राइस एक्सपोर्ट कंपनी के सहयोग से कार्य करेगा, जो कि क्लस्टर घोषित होने के पश्चात बासमती धान का निर्यात करेगी।
इस निर्णय को जनपद के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर के रूप में देखा जा रहा है, जिससे उन्हें अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंच मिल सकेगी और बेहतर कीमत प्राप्त हो सकेगी।
नीति की प्रमुख बातें और अनुदान योजनाएं
बैठक में उपस्थित रामकुमारी, प्रतिनिधि कृषि विपणन विभाग, ने बताया कि उत्तर प्रदेश कृषि निर्यात नीति-2019 के तहत क्लस्टर निर्माण और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा कई प्रावधान किए गए हैं। इनके अनुसार:
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50 हेक्टेयर क्षेत्रफल पर क्लस्टर निर्माण करने और उसमें उत्पादित कृषि उत्पादों का 30 प्रतिशत निर्यात करने पर ₹10 लाख रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा।
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कृषि उत्पादों अथवा उनसे बनी वस्तुओं को निर्यात करने वाले निर्यातकों को वास्तविक परिवहन भाड़े का 25 प्रतिशत तथा अधिकतम ₹20 लाख रुपये प्रतिवर्ष तक परिवहन अनुदान प्रदान किया जाएगा।
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राजकीय शिक्षण संस्थान यदि कृषि निर्यात, पोस्ट हार्वेस्ट प्रबंधन अथवा कृषि तकनीक से संबंधित डिग्री, डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स संचालित करते हैं और उसमें 25 या उससे अधिक छात्र पंजीकृत होते हैं, तो एकमुश्त ₹50 लाख रुपये तक का अनुदान उपलब्ध है।
ये प्रावधान न केवल निर्यात को बढ़ावा देंगे, बल्कि किसानों को तकनीकी रूप से सशक्त भी बनाएंगे।
सीडीओ के निर्देश: शीघ्र हो सभी चरणों की पूर्ति
मुख्य विकास अधिकारी विद्यानाथ शुक्ल ने बैठक में उपस्थित सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि बासमती क्लस्टर निर्माण से जुड़े सभी प्रशासनिक और तकनीकी चरणों को शीघ्र पूर्ण किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि यह न केवल जनपद के किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि राज्य सरकार की नीति को जमीनी स्तर पर प्रभावी बनाने की दिशा में भी सहयोग करेगा।
उन्होंने कृषि विभाग, विपणन विभाग, नाबार्ड, पशुपालन, उद्यान एवं अन्य संबद्ध विभागों से आपसी समन्वय बनाकर तेजी से कार्य करने को कहा।
प्रमुख अधिकारी और विशेषज्ञ हुए शामिल
बैठक में कई महत्वपूर्ण अधिकारियों और कृषि विशेषज्ञों की सहभागिता रही, जिन्होंने नीतिगत दिशा में मार्गदर्शन दिया और क्लस्टर की संभावनाओं पर विचार साझा किए। उपस्थित प्रमुख अधिकारियों में शामिल थे:
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राजीव कुमार, उप कृषि निदेशक, गौतमबुद्ध नगर
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डी.डी.एम. नाबार्ड, गाजियाबाद
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जिला कृषि अधिकारी, गौतमबुद्ध नगर
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प्रमोद कुमार तोमर, कृषि वैज्ञानिक (APEDA)
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मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, गौतमबुद्ध नगर
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आकांक्षा, AHI उद्यान विभाग (AGI – कृषि विपणन विभाग)
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योगिता, AMI दादरी
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कृषि उत्पादकता समूह के सदस्य एवं स्थानीय निर्यातक
इन सभी ने एकमत होकर बासमती धान के निर्यात को जनपद के लिए एक प्रमुख कृषि आधारित विकास अवसर बताया।
क्लस्टर बनने से किसानों को क्या मिलेगा लाभ?
बासमती धान जैसे विशेष कृषि उत्पादों को क्लस्टर में शामिल करने से स्थानीय किसानों को कई लाभ मिलेंगे:
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बेहतर बाजार और मूल्य – निर्यात आधारित बिक्री से उन्हें एमएसपी से कई गुना अधिक मूल्य मिलने की संभावना होती है।
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तकनीकी सहयोग – नीति के तहत तकनीकी प्रशिक्षण और उपकरणों का प्रावधान है।
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वित्तीय सहायता – भाड़ा सब्सिडी, प्रोसेसिंग यूनिट सब्सिडी, और मार्केटिंग सहायता से लागत में कटौती।
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स्थायी विकास – जैविक और सतत खेती को बढ़ावा मिलेगा, जिससे लंबी अवधि में किसान आत्मनिर्भर बन सकेंगे।
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