गौतमबुद्धनगर, 27 जून 2025:
गौतमबुद्धनगर जिले की थाना इकोटेक-1 पुलिस ने एक बार फिर मादक पदार्थों की तस्करी पर प्रभावी प्रहार करते हुए एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी के पास से 1 किलो 200 ग्राम अवैध गांजा बरामद हुआ है, जिसे वह इलाके में बेचने की फिराक में था। पुलिस ने आरोपी को घरबरा अंडरपास के पास से गिरफ्तार किया और एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करते हुए उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
यह कार्रवाई पुलिस की सतर्कता, गुप्त सूचना तंत्र और मादक पदार्थों के विरुद्ध चल रही सख्त नीति का परिणाम है।
🕵️♂️ गुप्त सूचना और पुलिस कार्रवाई का पूरा विवरण
दिनांक 26 जून 2025 को थाना इकोटेक-1 पुलिस को गुप्त सूचना प्राप्त हुई थी कि एक युवक मादक पदार्थ गांजा की खेप लेकर बिक्री के इरादे से घरबरा अंडरपास के आसपास घूम रहा है। सूचना को गंभीरता से लेते हुए थाना प्रभारी के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई।
पुलिस टीम ने तत्परता दिखाते हुए मौके पर पहुंचकर संदिग्ध व्यक्ति को घेरा और तलाशी ली। तलाशी के दौरान युवक के कब्जे से 1 किलो 200 ग्राम गांजा बरामद किया गया, जो पॉलीथिन में पैक किया हुआ था। पूछताछ में उसने गांजा तस्करी की बात स्वीकार की।
👤 गिरफ्तार अभियुक्त का परिचय
गिरफ्तार युवक की पहचान अमन पुत्र थान सिंह के रूप में हुई है। वह मूल रूप से ग्राम गढ़ी नैनसुख, थाना खंदौली, जिला आगरा का निवासी है, लेकिन वर्तमान में कस्बा सूरजपुर, थाना सूरजपुर, गौतमबुद्धनगर में रह रहा था।
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नाम: अमन
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पिता का नाम: थान सिंह
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स्थायी पता: ग्राम गढ़ी नैनसुख, थाना खंदौली, जिला आगरा
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वर्तमान पता: कस्बा सूरजपुर, थाना सूरजपुर, गौतमबुद्धनगर
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उम्र: 24 वर्ष
प्रारंभिक पूछताछ में अभियुक्त ने स्वीकार किया कि वह पिछले कुछ महीनों से गांजा तस्करी में संलिप्त है और आस-पास के औद्योगिक क्षेत्रों, लेबर बस्तियों और शहरी इलाकों में गांजा बेचता है।
🚨 पंजीकृत अभियोग का विवरण
इस मामले में थाना इकोटेक प्रथम पर मु0अ0सं0 69/2025, धारा 8/20 एनडीपीएस एक्ट (Narcotic Drugs and Psychotropic Substances Act) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इस धारा के अंतर्गत गांजा जैसे मादक पदार्थों का अवैध संग्रह, परिवहन और बिक्री दंडनीय अपराध है, जिसके लिए लंबी सजा और भारी जुर्माने का प्रावधान है।
📦 बरामदगी का विवरण
पुलिस ने आरोपी के पास से 01 किलो 200 ग्राम अवैध गांजा बरामद किया है। बरामद मादक पदार्थ को विधिक प्रक्रिया के तहत जब्त कर प्रयोगशाला परीक्षण के लिए भेजा गया है। यह गांजा अलग-अलग छोटी-छोटी पैकिंग में था, जिससे यह प्रतीत होता है कि आरोपी खुदरा बिक्री के लिए इसे तैयार कर रहा था।
🗣️ पुलिस के अनुसार संभावित नेटवर्क की जांच जारी
थाना इकोटेक-1 पुलिस का मानना है कि आरोपी किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है, जो गौतमबुद्धनगर और आसपास के इलाकों में मादक पदार्थों की आपूर्ति करता है। पुलिस अब यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि गांजा की यह खेप उसे कहां से मिली, वह किससे संपर्क में था, और किन-किन जगहों पर उसने अब तक आपूर्ति की है।
इसके लिए मोबाइल फोन डाटा, कॉल रिकॉर्ड्स, बैंकिंग लेन-देन, और सोशल मीडिया गतिविधियों की भी जांच की जा रही है। साथ ही सूरजपुर, ग्रेटर नोएडा और नोएडा वेस्ट के क्षेत्रों में अन्य ऐसे नेटवर्क की पहचान के लिए भी अभियान चलाया जाएगा।
एनडीपीएस एक्ट और इसकी गंभीरता
भारत सरकार द्वारा मादक पदार्थों के रोकथाम हेतु लागू एनडीपीएस अधिनियम 1985 (NDPS Act) के अंतर्गत गांजा जैसे नशीले पदार्थों की बिना लाइसेंस खरीद, बिक्री, परिवहन या भंडारण अपराध की श्रेणी में आते हैं।
धारा 8/20 के तहत:
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कम मात्रा (100 ग्राम तक) पर 6 महीने तक की जेल या जुर्माना या दोनों
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व्यावसायिक मात्रा (1 किलो से ऊपर) पर 10 साल तक की सजा व ₹1 लाख तक का जुर्माना हो सकता है
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यदि अपराध दोहराया गया हो तो सजा और जुर्माना दोनों बढ़ाए जा सकते हैं।
इस केस में पकड़ी गई मात्रा 1 किलो 200 ग्राम है, जो "व्यावसायिक मात्रा" की श्रेणी में आती है। अतः आरोपी को गंभीर कानूनी परिणामों का सामना करना पड़ेगा।
थाना इकोटेक-1 पुलिस की सराहनीय पहल
थाना इकोटेक प्रथम पुलिस की यह कार्रवाई मादक पदार्थों के अवैध कारोबार के खिलाफ की जा रही रणनीतिक कार्यवाहियों का एक और मजबूत उदाहरण है। पुलिस आयुक्त, डीसीपी क्राइम, और स्थानीय थानों को विशेष निर्देश दिए गए हैं कि युवाओं को नशे से बचाने, स्कूल-कॉलेजों के पास निगरानी बढ़ाने और तस्करों के नेटवर्क को तोड़ने के लिए सतत अभियान चलाया जाए।
नशा मुक्ति को लेकर सामाजिक संदेश
गांजा और अन्य नशीले पदार्थ न केवल व्यक्ति के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि सामाजिक व्यवस्था, पारिवारिक संतुलन और कानून-व्यवस्था के लिए भी गंभीर खतरा बनते जा रहे हैं। युवाओं को इसके दुष्परिणामों के प्रति जागरूक करने के लिए समय-समय पर सार्वजनिक अभियान, पुलिस-पब्लिक संवाद, और शैक्षणिक संस्थानों में जागरूकता कार्यक्रम जरूरी हैं।
निष्कर्ष
थाना इकोटेक-1 पुलिस की यह कार्रवाई न केवल एक अवैध गांजा तस्कर की गिरफ्तारी तक सीमित है, बल्कि यह एक बड़े मादक पदार्थ नेटवर्क की कड़ी भी हो सकती है। पुलिस की जांच से कई और चौंकाने वाले खुलासे सामने आने की उम्मीद है।
यह जरूरी है कि आम नागरिक भी पुलिस को इस प्रकार की गतिविधियों की जानकारी देने में सहयोग करें ताकि नशे की इस अवैध जड़ को समाज से उखाड़ फेंका जा सके।
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