गौतमबुद्धनगर:
दिनांक 30 जून 2025 को पुलिस कमिश्नर गौतमबुद्धनगर के निर्देशन में एवं डीसीपी महिला सुरक्षा तथा एडीसीपी महिला सुरक्षा के नेतृत्व में महिला सुरक्षा को लेकर एक विशेष जागरूकता अभियान चलाया गया। इस अभियान के तहत कमिश्नरेट के अंतर्गत आने वाले विभिन्न थानों की महिला बीट अधिकारियों ने अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर महिलाओं और बच्चियों को महिला सुरक्षा, साइबर अपराध, आत्मरक्षा और सरकारी सहायता सेवाओं के बारे में जागरूक किया।
इस जागरूकता कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति सजग करना, उनके विरुद्ध होने वाले अपराधों की पहचान करवाना और साथ ही यह समझाना था कि अपराध के विरुद्ध चुप्पी नहीं, बल्कि आवाज उठाना जरूरी है। यह कार्यक्रम विभिन्न गांवों, सोसायटियों, लेबर कॉलोनियों, बाजारों तथा अन्य सार्वजनिक स्थलों पर आयोजित किया गया जहाँ महिला सुरक्षा टीम ने स्थानीय महिलाओं से सीधे संवाद स्थापित किया।
संवाद व जागरूकता सत्र का आयोजन
इस अभियान के अंतर्गत महिला सुरक्षा टीम द्वारा पहले से चिन्हित स्थानों पर महिलाओं व किशोरियों को एकत्रित किया गया। टीम ने इन महिलाओं से संवाद करते हुए उन्हें महिला सशक्तिकरण से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर जानकारी दी। इसमें खास तौर पर निम्नलिखित विषयों पर चर्चा की गई:
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मिशन शक्ति अभियान के उद्देश्य एवं लाभ
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शुभ मंगल योजना की जानकारी
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साइबर क्राइम के प्रकार और उससे कैसे बचें
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साइबर सुरक्षा के उपाय
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अपराध होने की स्थिति में किस प्रकार सहायता प्राप्त करें
पंपलेट वितरण और हेल्पलाइन नंबर की जानकारी
महिला सुरक्षा टीम द्वारा मिशन शक्ति से संबंधित पंपलेट भी वितरित किए गए जिसमें महिला सुरक्षा, उनके अधिकारों और शिकायत दर्ज कराने के तरीकों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी शामिल थी। साथ ही, टीम ने सभी उपस्थित महिलाओं व किशोरियों को विभिन्न हेल्पलाइन नंबर्स के बारे में विस्तार से जानकारी दी ताकि वे आवश्यकता पड़ने पर तत्काल सहायता प्राप्त कर सकें। नीचे दिए गए नंबरों की जानकारी सभी को दी गई:
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महिला हेल्पलाइन नंबर: 1090
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मुख्यमंत्री हेल्पलाइन: 1076
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साइबर हेल्पलाइन नंबर: 1930
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आपातकालीन सेवा नंबर: 112
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चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर: 1098
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वन स्टॉप सेंटर नंबर: 181
इन नंबरों का उल्लेख करते हुए अधिकारियों ने बताया कि ये सेवाएं 24 घंटे उपलब्ध हैं और इनमें दी गई शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई की जाती है।
महिला अपराधों के खिलाफ चुप्पी नहीं, कार्रवाई करें
महिला सुरक्षा टीम ने संवाद के दौरान विशेष रूप से इस बात पर बल दिया कि किसी भी प्रकार के अपराध को चुपचाप सहना गलत है। टीम ने स्पष्ट किया कि यदि कोई महिला किसी अपराध का शिकार होती है—चाहे वह छेड़छाड़, घरेलू हिंसा, साइबर बुलिंग या अन्य किसी प्रकार की उत्पीड़न हो—तो उसे तुरंत संबंधित हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क करना चाहिए।
महिलाओं को यह भी बताया गया कि कई बार अपराधियों का मनोबल पीड़िता की चुप्पी से ही बढ़ता है, इसलिए ऐसी किसी भी स्थिति में साहस के साथ सामने आकर शिकायत करना बेहद जरूरी है। पुलिस की महिला सुरक्षा टीम हर स्थिति में पीड़िता की सहायता के लिए तत्पर है और तुरंत सहायता मुहैया कराती है।
समाज में सुरक्षा का भाव और आत्मनिर्भरता का संदेश
इस अभियान का व्यापक उद्देश्य न केवल महिलाओं को कानूनी सहायता और सुरक्षा से अवगत कराना था, बल्कि उन्हें मानसिक रूप से सशक्त बनाना भी था। महिला सुरक्षा टीम ने यह संदेश दिया कि हर महिला को आत्मनिर्भर बनना चाहिए और आत्मरक्षा की बुनियादी जानकारी होनी चाहिए ताकि किसी भी संकट की स्थिति में वे अपनी सुरक्षा स्वयं सुनिश्चित कर सकें।
इसके अलावा, कई स्थानों पर महिलाओं को छोटे-छोटे आत्मरक्षा उपायों के प्रदर्शन भी दिखाए गए जिससे उन्हें व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त हो सके।
मिशन शक्ति: महिला सशक्तिकरण की दिशा में ठोस कदम
पुलिस द्वारा चलाया गया यह अभियान मिशन शक्ति के तहत संचालित किया गया, जो उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन हेतु आरंभ की गई एक विशेष पहल है। इस अभियान का मूल उद्देश्य महिलाओं को उनके अधिकारों, सरकारी योजनाओं और कानूनी सहायता के विकल्पों के प्रति जागरूक करना है।
मिशन शक्ति के तहत हर जिले में महिला सशक्तिकरण से जुड़े कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जिसमें पुलिस, प्रशासन, शिक्षा विभाग और स्वयंसेवी संगठन सक्रिय भागीदारी निभा रहे हैं।
जनता का मिला सकारात्मक सहयोग
इस महिला सुरक्षा अभियान को आम जनता विशेषकर महिलाओं की ओर से सकारात्मक सहयोग मिला। सोसायटीज में रहने वाली महिलाओं, लेबर कॉलोनी की महिला श्रमिकों और ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं ने पुलिस के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि ऐसी जानकारियां उन्हें पहले नहीं थी और अब वे अधिक आत्मविश्वास महसूस कर रही हैं।
गौतमबुद्धनगर पुलिस कमिश्नरेट द्वारा चलाया गया यह महिला सुरक्षा जागरूकता अभियान न केवल एक प्रशासनिक जिम्मेदारी को निभाने का उदाहरण है, बल्कि यह सामाजिक चेतना और महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी एक बड़ा कदम है। इस अभियान ने न केवल महिलाओं को उनके अधिकारों और कानूनी उपायों के बारे में जागरूक किया, बल्कि उन्हें यह भरोसा भी दिलाया कि कानून और प्रशासन उनके साथ खड़ा है।
ऐसे अभियान यदि नियमित रूप से जारी रहें तो न केवल महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों में कमी आएगी, बल्कि समाज में सुरक्षा का भाव भी मजबूत होगा।
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