लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को हटाने के नोटिस को स्वीकार कर गंभीर आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की है। यह कदम ‘कैश-एट-होम’ विवाद के बाद उठाया गया है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को हटाने के लिए प्रस्तुत नोटिस को स्वीकार कर लिया है। इसी के साथ उन्होंने न्यायाधीश के खिलाफ उठाए गए गंभीर आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है।

समिति में शामिल हैं -
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न्यायमूर्ति अरविंद कुमार (सुप्रीम कोर्ट)
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मुख्य न्यायाधीश मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव (मद्रास हाईकोर्ट)
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वरिष्ठ अधिवक्ता बी.वी. आचार्य (कर्नाटक हाईकोर्ट)

बिरला ने लोकसभा में कहा कि यह सुनवाई प्रक्रिया "न्यायमूर्ति वर्मा को हटाने की प्रक्रिया शुरू होनी चाहिए क्योंकि आरोप गंभीर प्रकृति के हैं", और समिति अपनी रिपोर्ट जल्द प्रस्तुत करेगी। तब तक प्रस्ताव लंबित रहेगा।
यह कार्रवाई 'कैश-एट-होम' विवाद की पृष्ठभूमि में सामने आई जब मार्च में वर्मा के आवास पर लगी आग की घटना में बड़ी मात्रा में नकदी की बरामदगी की गई थी।
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