मोकामा के घोसवरी में चुनाव प्रचार के दौरान जनसुराज समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या; अनंत सिंह व पीयूष प्रियदर्शी के बीच आरोप-प्रत्यारोप और पुलिस की स्पेशल जांच।
मोकामा के घोसवारी इलाके में विधानसभा चुनाव प्रचार के बीच जनसुराज पार्टी के समर्थक दुलारचंद यादव की गोली मारकर हत्या के बाद राजनीतिक माहौल गरम हो गया है। घटना के तत्काल बाद परिजनों और जनसुराज कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि यह हमला NDA उम्मीदवार अनंत सिंह के काफिले व समर्थकों द्वारा किया गया था, जबकि अनंत सिंह ने स्वयं भी एक FIR दर्ज कराते हुए पीयूष प्रियदर्शी सहित पाँच लोगों व अज्ञात लोगों को अभियुक्त ठहराया है। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इलाके में भारी सुरक्षा जुटाई और त्वरित जांच के लिए एक विशेष टीम गठित कर दी है।

घटना की प्राथमिक जानकारी के अनुसार दोनों प्रत्याशियों के काफिले एक-दूसरे के पास से गुज़रे — तभी कहा जाता है कि अचानक झड़प हुई; लाठी-डंडे चले, गाड़ियों के शीशे टूटे और अफरा-तफरी के बीच गोलीबारी हुई। दुलारचंद यादव को गोली लगने के बाद मृतावस्था में एक वाहन में पाया गया। जनसुराज ने आरोप लगाया कि उनके काफिले पर अचानक हमला हुआ, जबकि अनंत सिंह का कहना है कि उनके ऊपर पहले से नारेबाजी व बदसलूकी हुई और विरोधी पक्ष के पास हथियार मौजूद थे।

परिवार और कुछ स्थानीय नेताओं ने मृतक की पृष्ठभूमि का हवाला देते हुए बताया कि दुलारचंद के खिलाफ 1980–2000 के बीच कई आपराधिक मामले दर्ज रहे; हालांकि समय के साथ उसकी राजनीति में भी हिस्सेदारी रही और वह कभी स्थानीय प्रभावशाली रंग में दिखे। राजद के नेता तेजस्वी यादव ने चुनाव आचार संहिता के दौरान खुलेआम हथियार चलाने पर सवाल उठाए हैं। प्रशासन ने इलाके में शांति बनाए रखने के निर्देश दिए हैं और घटनास्थल से मिले भौतिक साक्ष्यों, CCTV व पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर जांच तेज कर दी है; आगे की कानूनी कार्रवाई सबूतों व जांच रिपोर्ट पर निर्भर रहेगी।
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