जनपद सम्भल के स्थानीय निवासियों की लंबे समय से चली आ रही एक महत्वपूर्ण समस्या को लेकर तराई किसान यूनियन ने प्रशासनिक स्तर पर आवाज बुलंद की
संभल में सुलेमान शहीद से बाइपास तक सड़क चौड़ीकरण की मांग तेज, तराई किसान यूनियन ने एसडीएम को सौंपा पत्र
(1000 शब्दों में विस्तृत समाचार रिपोर्ट)
संभल, उत्तर प्रदेश — 17 जून 2025
जनपद सम्भल के स्थानीय निवासियों की लंबे समय से चली आ रही एक महत्वपूर्ण समस्या को लेकर तराई किसान यूनियन ने प्रशासनिक स्तर पर आवाज बुलंद की है। यूनियन के जिलाध्यक्ष हाजी नदीम ने उपजिलाधिकारी सम्भल (SDM) विकास चंद्र को एक ज्ञापन सौंपते हुए, सुलेमान शहीद से बाइपास तक के मार्ग के चौड़ीकरण की पुरजोर मांग की है।
मुख्य मांग : सड़क चौड़ीकरण की आवश्यकता
हाजी नदीम ने पत्र में बताया कि सुलेमान शहीद से लेकर बाइपास तक की सड़क वर्तमान समय में अत्यधिक तंग हो चुकी है। यह रास्ता नगर के मुख्य संपर्क मार्गों में से एक है, लेकिन इसकी चौड़ाई समय के साथ घटती चली गई है। विशेष रूप से एक ओर बनाए गए नाले की वजह से स्थिति और भी खराब हो गई है। राहगीरों, विशेष रूप से साइकिल चालकों, पैदल यात्रियों और दुपहिया वाहन चालकों के लिए यह मार्ग असुरक्षित हो चुका है।
पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि जब इस संकरी सड़क से कोई बड़ी सवारी गाड़ी (बस, ट्रक, लोडर आदि) गुजरती है, तो सामने से आने वाले छोटे वाहन चालक और राहगीरों को अपनी जान बचाने के लिए सड़क छोड़नी पड़ती है। कई बार साइकिल चालकों के नाले में गिरने की घटनाएं भी हो चुकी हैं, जिससे जनमानस में आक्रोश और असुरक्षा का माहौल व्याप्त है।
पुराने प्रयासों का हवाला
हाजी नदीम ने पत्र में यह भी साफ किया कि यह मामला नया नहीं है। इससे पहले भी सम्पूर्ण समाधान दिवस के दौरान इसी विषय में पत्र सौंपा गया था और मौखिक रूप से कई बार प्रशासन को इस समस्या से अवगत कराया गया है। बावजूद इसके, अब तक कोई ठोस कदम या तकनीकी सर्वेक्षण तक नहीं हुआ है, जिससे यह प्रतीत होता है कि प्रशासन इस गंभीर जनसरोकार से जुड़े विषय को नजरअंदाज कर रहा है।
ग्रामीणों का दर्द : हर रोज़ का संघर्ष
इस मार्ग पर दिनभर भारी ट्रैफिक बना रहता है। खासकर सुबह और शाम के समय स्कूल व ऑफिस जाने वाले छात्र-छात्राओं और कर्मचारियों को जाम की समस्या का सामना करना पड़ता है।
स्थानीय निवासी इरशाद अली, जो कि एक स्कूल टीचर हैं, बताते हैं:
“हर दिन हमें 10 से 15 मिनट का अतिरिक्त समय इस संकरे रास्ते के कारण लग जाता है। कभी-कभी बाइक या रिक्शा को धक्का देना पड़ता है, और बारिश के दिनों में यह रास्ता कीचड़ से भर जाता है।”
वहीं शबाना बेगम, जो कि एक महिला सामाजिक कार्यकर्ता हैं, कहती हैं:
“हमारी कई महिलाओं की शिकायत है कि बड़ी गाड़ियां इतनी नज़दीक से निकलती हैं कि डर बना रहता है, कोई हादसा न हो जाए।”
प्रभावित क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति:
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स्थान: सुलेमान शहीद से बाइपास तक का रास्ता
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समस्या: मार्ग की चौड़ाई अत्यंत कम, एक ओर नाला होने से अतिरिक्त संकुचन
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मुख्य प्रभावित: छात्र, महिलाएं, बुजुर्ग, दुकानदार, साइकिल सवार, राहगीर
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सामाजिक और आर्थिक प्रभाव: व्यापार प्रभावित, स्कूल-कॉलेज की उपस्थिति में बाधा, आपात स्थिति में वाहनों को निकलने में दिक्कत
यूनियन की भूमिका : जनहित में संघर्ष
तराई किसान यूनियन एक सक्रिय किसान संगठन है जो किसानों के हित के साथ-साथ ग्रामीण और नगर विकास के विषयों में भी आवाज उठाता रहा है।
हाजी नदीम, यूनियन के जिलाध्यक्ष, कहते हैं:
“हम किसी राजनीतिक मकसद से नहीं, बल्कि जनता के हक की बात कर रहे हैं। जब सड़क का चौड़ीकरण होगा, तभी आम लोगों की जान और समय बचेगा। हर दिन किसी न किसी की चोट लग रही है, और ये किसी दिन बड़ा हादसा भी बन सकता है।”
प्रशासन से अपेक्षित कार्यवाही:
ज्ञापन में तीन प्रमुख माँगें रखी गईं हैं—
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तत्काल स्थल निरीक्षण कराया जाए ताकि वास्तविक स्थिति स्पष्ट हो सके।
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सड़क चौड़ीकरण का प्रस्ताव बनाकर लोक निर्माण विभाग (PWD) को भेजा जाए।
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स्थानीय निवासियों और दुकानदारों को विश्वास में लेकर मास्टर प्लान तैयार किया जाए।
भविष्य की रणनीति : आंदोलन की चेतावनी
हाजी नदीम ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि प्रशासन एक सप्ताह के भीतर कोई पहल नहीं करता, तो यूनियन इस विषय में जन जागरूकता अभियान और प्रदर्शन की रणनीति अपनाएगी। साथ ही मामला जिलाधिकारी व मुख्यमंत्री तक पहुंचाया जाएगा।
प्रशासन की प्रतिक्रिया का इंतज़ार
उपजिलाधिकारी विकास चंद्र ने पत्र प्राप्त कर आश्वासन दिया है कि वह इस विषय को गंभीरता से लेंगे और शीघ्र ही संबंधित विभाग से समन्वय कर कार्यवाही प्रारंभ कराई जाएगी। हालांकि अब तक कोई लिखित आदेश या निरीक्षण की तिथि तय नहीं की गई है।
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