मुंबई और जम्मू कश्मीर के बीच रणजी ट्रॉफी मैच में मुंबई की टीम 120 रन पर सिमट गई, जबकि स्टार खिलाड़ी रोहित शर्मा केवल 3 रन बनाकर आउट हो गए। फैंस ने उन्हें आलोचना का शिकार बनाया, खासकर आयुष म्हात्रे को बाहर किए जाने पर। आयुष ने हाल ही में शानदार फॉर्म दिखाया था, जिससे फैंस ने रोहित की जगह उसे मौका न देने पर गुस्सा जताया। इसके साथ ही यशस्वी और सिद्धेश लाड को भी बाहर किए जाने पर नाराजगी देखने को मिली।
रणजी ट्रॉफी के एलीट वर्ग के मुकाबले में मुंबई और जम्मू कश्मीर के बीच मैच की शुरुआत के साथ ही मुंबई के क्रिकेट फैंस में एक नई हलचल पैदा हो गई। इस मैच में एक ओर जहां रोहित शर्मा की 10 साल बाद रणजी क्रिकेट में वापसी ने दर्शकों का ध्यान खींचा, वहीं दूसरी ओर उनका जल्दी आउट होना और आयुष म्हात्रे को बाहर किए जाने पर फैंस का गुस्सा फूट पड़ा। रोहित शर्मा, जो हाल के समय में खराब फॉर्म से गुजर रहे थे, केवल तीन रन बनाकर पवेलियन लौट गए। इससे फैंस में न केवल निराशा फैल गई, बल्कि सोशल मीडिया पर उनकी आलोचना भी तेज हो गई।
आयुष म्हात्रे का समर्थन: युवा खिलाड़ी की जगह पर सवाल
मुंबई के फैंस को यह बिल्कुल पसंद नहीं आया कि टीम में अच्छे फॉर्म में चल रहे आयुष म्हात्रे को बाहर कर दिया गया और उनके स्थान पर रोहित शर्मा को प्लेइंग-11 में शामिल किया गया। आयुष ने पिछले रणजी मुकाबले में शतक लगाकर सबका ध्यान खींचा था। उन्होंने सर्विसेस के खिलाफ शतक (116 रन) बनाया था और प्लेयर ऑफ द मैच भी बने थे। इस सीजन में उन्होंने नौ पारियों में 45.33 की औसत से 408 रन बनाए हैं, जिनमें दो शतक और एक अर्धशतक शामिल हैं।
फैंस ने सोशल मीडिया पर यह आरोप लगाया कि रोहित शर्मा का रणजी क्रिकेट में वापसी करना युवा खिलाड़ी आयुष की जगह पर हक नहीं था। एक यूजर ने लिखा, "रोहित शर्मा ने हमेशा किसी युवा खिलाड़ी की जगह ली है, चाहे वह इंटरनेशनल क्रिकेट हो या घरेलू। आयुष को बाहर करना गलत था।" वहीं, अन्य फैंस ने इसे स्वार्थी निर्णय करार दिया और कहा कि आयुष को सिर्फ इसलिए बाहर कर दिया गया क्योंकि रोहित को खेलने का मौका चाहिए था।
यशस्वी और सिद्धेश के बाहर होने से गुस्से में फैंस
रोहित के अलावा, यशस्वी जायसवाल की वापसी भी चर्चा का विषय रही। उन्हें अंगकृष रघुवंशी की जगह प्लेइंग-11 में शामिल किया गया, हालांकि यशस्वी भी केवल 4 रन बनाकर आउट हो गए। अंगकृष रघुवंशी ने अपनी पिछली तीन पारियों में 147 रन बनाए थे, जिसमें 92 और 55 रन की महत्वपूर्ण पारियां शामिल हैं। इसी तरह, सिद्धेश लाड को भी बाहर किया गया, जो इस सीजन में 7 पारियों में 74.60 की औसत से 373 रन बना चुके थे।
मुंबई टीम के फैंस इस स्टार कल्चर से भी काफी निराश हैं, जहां प्रदर्शन को नजरअंदाज कर बड़े नामों को प्राथमिकता दी जाती है। इन बदलावों के चलते मुंबई की पहली पारी महज 120 रन पर सिमट गई। यशस्वी और रोहित के अलावा हार्दिक तमोरे (7 रन), कप्तान अजिंक्य रहाणे (12 रन), श्रेयस अय्यर (11 रन) भी जल्दी आउट हो गए। शिवम दुबे और शम्स मुलानी ने तो खाता भी नहीं खोला। केवल शार्दुल ठाकुर ने 51 रन की पारी खेली, और तनुष कोटियान ने 26 रन बनाए।
यह घटनाक्रम मुंबई क्रिकेट के लिए एक चेतावनी है कि भले ही टीम के पास कई स्टार खिलाड़ी हों, लेकिन फॉर्म और चयन के मामलों में पारदर्शिता बनाए रखना बेहद जरूरी है। फैंस अब यह सवाल उठा रहे हैं कि क्या मुंबई की टीम अपनी घरेलू छवि और क्रिकेट को सुधारने के बजाय स्टार्स की चमक में खो जाएगी।
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