जलगांव में 22 जनवरी को पुष्पक एक्सप्रेस में आग लगने की अफवाह फैलने के बाद यात्रियों के बीच हड़कंप मच गया। चायवाले की फैलाई गई इस अफवाह ने यात्रियों को चेन खींचने और ट्रेन से कूदने पर मजबूर कर दिया, जिसके बाद बगल के ट्रैक पर आ रही दूसरी ट्रेन ने कई यात्रियों को रौंद दिया। इस दर्दनाक हादसे में 13 लोगों की जान चली गई। घटना के बाद सामने आई सच्चाई ने सभी को चौंका दिया, जब यह खुलासा हुआ कि यह अफवाह एक चायवाले ने फैलाई थी। इस घटना ने कई परिवारों को गहरे सदमे में डाल दिया है।
जलगांव में 22 जनवरी को एक दिल दहला देने वाली घटना हुई, जब लखनऊ से मुंबई जा रही पुष्पक एक्सप्रेस में आग लगने की अफवाह ने यात्रियों के बीच हड़कंप मचा दिया। अफवाह फैलने के बाद यात्रियों ने घबराकर चेन खींची और ट्रेन से कूदने लगे, जिसका खामियाजा उन्हें अपनी जान से चुकाना पड़ा। बगल के ट्रैक से गुजर रही ट्रेन ने कई यात्रियों को रौंद दिया, जिससे हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई।
लेकिन अब इस हादसे से जुड़ा एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। घटना के दौरान ट्रेन में मौजूद एक यात्री ने बताया कि यह अफवाह एक चायवाले ने फैलाई थी। चश्मदीद के अनुसार, चायवाले ने यह झूठी खबर दी कि ट्रेन में आग लग गई है। इसके बाद माहौल में अफरा-तफरी मच गई और कुछ ही देर में ट्रेन की चेन खींच दी गई। जैसे ही ट्रेन की गति धीमी हुई, यात्रियों ने जान बचाने के लिए खिड़कियों से कूदना शुरू कर दिया।
हादसे के दौरान कुछ लोग ऐसे ट्रैक पर कूद गए, जहां बंगलौर एक्सप्रेस गुजर रही थी, और वे कुचलकर मारे गए। इस भयावह हादसे में बचने के लिए कुछ लोग पटरी के दूसरी तरफ कूद गए, जहां कोई ट्रेन नहीं थी। लेकिन अगर वे उस तरफ कूदते, तो और भी अधिक जानें जा सकती थीं।
आंखों देखा मंजर
इस घटना में अपनी जान गंवाने वाली कमला भंडारी की बहू, राधा भंडारी ने बताया कि घटना के समय उसकी मां ने उसे कहा था, "तू सो जा," लेकिन बाद में अचानक बोली, "बोगी में आग लगी है, भागो!" राधा ने बताया कि जैसे ही भगदड़ मची, वह भीड़ में गिरकर बाहर निकलने की कोशिश कर रही थी, और उसकी मां बगल के ट्रैक पर गिर गई, जहां एक अन्य ट्रेन आ रही थी।
राधा के देवर, तपेंद्र भंडारी ने बताया कि जब वह अपनी मां का शव लेने मुंबई से जलगांव पहुंचे, तो वे अपनी मां से आखिरी बार फोन पर बात कर रहे थे। मां ने कहा था, "अपना ख्याल रखना, हम जल्द पहुंच जाएंगे।" यह एक ऐसा दर्दनाक पल था, जिसे राधा और तपेंद्र कभी नहीं भूल पाएंगे।
यह हादसा न सिर्फ एक झूठी अफवाह के कारण हुआ, बल्कि इसकी वजह से कई परिवारों के दिलों में हमेशा के लिए एक खालीपन रह गया।
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